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खिलाड़ी और राजनीति

इस भूत बंगले में कभी खेला जाता था स्कॉयश, 34वें राष्ट्रीय खेल की हुई थी मेज़बानी !

34वें राष्ट्रीय खेल के दौरान राज्य सरकार ने की थी इस कोर्ट की स्थापना

इस भूत बंगले में कभी खेला जाता था स्कॉयश, 34वें राष्ट्रीय खेल की हुई थी मेज़बानी !
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Syed Hussain

Published: 20 Aug 2019 7:58 AM GMT

जी हां बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं आप, और ये कोई डरावनी कहानी नहीं है बल्कि झारखंड के दूसरे सबसे बड़े शहर धनबाद का एक स्कॉयश कोर्ट है। एक ऐसा कोर्ट जिसे 2011 में राष्ट्रीय खेल के दौरान बनाया गया था, लेकिन आज इसकी हालत एक भूत बंगले में तब्दील हो गई है।

आपको ये जानना ज़रूरी है कि इस लापरवाही की वजह से यहां के स्कॉयश खिलाड़ियों का करियर बर्बादी के कगार पर है। जिनके पास पैसे हैं वह तो धनबाद छोड़कर बाहर चले जाते हैं लेकिन पैसों के अभाव और खेल विभाग की लापरवाही की वजह से कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का करियर दांव पर है।

धनबाद का खंडहर में तब्दील हो चुका स्कॉयश कोर्ट

बातचीत के दौरान धनबाद ज़िला स्कॉयश एसोसिएशन के सचिव अभिषेक पांडेय ने जो कहा वह भी जानिए।

‘’इस स्कॉयश कोर्ट की ऐसी हालत होने के पीछे ज़िला प्रशासन का उदासीन रवैया है, हमने कई बार उन्हें इस हालत से अवगत कराया है और फंड मांगा है। लेकिन उसके बाद भी उन्होंने न कोई जवाब दिया और न ही इसकी सूध ली।‘’ – अभिषेक पांडेय, सचिव, धनबाद ज़िला स्कॉयश एसोसिएशन

इस स्कॉयश कोर्ट की स्थापना राज्य सरकार ने 2011 में 34वें राष्ट्रीय खेल के दौरान 53 लाख रुपये ख़र्च कर की थी। लेकिन उसके बाद से ये पैसों और देखरेख के अभाव में पूरी तरह खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। इस कोर्ट से अब तो कई सामान भी चोरी हो गए हैं, जिसमें बिजली के सामान से लेकर टॉलेट की फ़िटिंग्स तक शामिल है।

मज़े की बात ये है कि जब धनबाद के डिप्टी डेवलपमेंट कमिश्नर शशि रंजन से इस हालत का जवाब जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने ऐसी किसी बातों से इनकार ही कर दिया।

‘’मुझे इस तरह के किसी स्कॉयश कोर्ट की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन अब जब जानकारी मिली है तो मैं अधिकारियों को कहूंगा कि जाकर देखें और इसे ठीक करने के लिए क़दम उठाएं।‘’ – शशि रंजन, डिप्टी डेवलपमेंट कमिश्नर, धनबाद

झारखंड को कभी खेल की नर्सरी के तौर पर जाना जाता था, लेकिन इस तरह की तस्वीरें सामने आने के बाद खिलाडियों और खेल के साथ खिलवाड़ ही कहा जा सकता है।

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