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बास्केटबॉल

क्या बदला हुआ कोच बदलेगा भारतीय बास्केटबॅाल की किस्मत?

क्या बदला हुआ कोच बदलेगा भारतीय बास्केटबॅाल की किस्मत?
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Lakshmi Kant Tiwari

Updated: 24 April 2022 8:29 PM GMT

भारतीय पुरूष बास्केटबॅाल टीम की खास तौर पर बात की जाए तो बीते 2 वर्षों में इस टीम का प्रदर्शन चिंता का विषय रहा है। 2017 फीबा एशिया चैंपियनशिप से जो हार का सिलसिला शुरू हुआ था वो अब तक थमने का नाम न ही ले रहा है। अगर कुछ चुनींदा इनवटेशनल प्रतियोगिता और साबा क्वालीफायर को छोड़ दिया जाए तो भारतीय पुरूष बास्केटबॅाल टीम ने लगभग हर प्रतियोगिता में देश भर के प्रशंसकों को काफी निराश किया है। दरअसल ये सिलसिला शुरू हुआ था 2017 में जब भारतीय टीम एशियन बास्केटबॅाल चैंपियनशिप में खेले गए एक भी मुकाबला ही नहीं जीत पाई। उच्च स्तरीय टीम को छोड़िए तो ये टीम अपने से कमजोर मानी जानी वाली टीम सीरिया से भी हार गई। इस प्रतियोगिता की शुरूआत में भारत के स्टार बास्केटबॅाल खिलाड़ी विशेष भृगवंशी चोटिल हो गए थे। जिस वजह से टीम में एक बॅाल हैंडलर या आसान शब्दों में कह ले तो भारत के सबसे अहम खिलाड़ी की कमी खल रही थी।

फीबा बास्केटबॅाल विश्व कप क्वालीफायर 2018 टीम इसके बाद 2018 में फीबा बास्केटबॅाल विश्व कप क्वालीफायर की शुरूआत हुई। जिसमें हर देश को लीग मुकाबले में मेजबानी या फिर दूसरे देश में जाकर खेलना था। भारतीय बास्केटबॅाल प्रशंसक इस खबर को सुनकर काफी उत्साहित थे। भारत को अपने सभी घरेलू मुकाबले आईटी हब कहे जाने वाले बैंगलोर में खेलने थे। लेकिन यहां पर भी भारतीय टीम ने अपने लचर प्रदर्शन से काफी निराश किया। इस दौरान अमज्योत और अम्रीतपाल और विशेष भृगवंशी जैसे खिलाड़ी टीम के साथ मौजूद नहीं थे। अब बारी थी राष्ट्रमंडल खेलों की 2006 के बाद ऐसा पहला मौका था जब ये खेल आयोजित किए गए थे। 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भी कुछ ऐसा ही खराब सिलसिला जारी रहा था।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीतें 10 वर्षों में 5 से ज्यादा विदेशी कोच बदले जा चुके हैं। आइए एक नजर डालते हैं भारतीय पुरूष बास्केटबॅाल टीम के साथ जुड़े कोच और उनके प्रदर्शन पर साथ ही जो जुड़ने वाले हैं। 1) अलेकसेंडर बुकन भारतीय पुरूष बास्केटबॅाल टीम ने सर्बियन कोच अलेकसेंडर बुकन की प्रशिक्षण में 2007 और 2009 फीबा एशियन बास्केटबॅाल चैंपियनशिप जैसी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया लेकिन किसी भी प्रतियोगिता में भारतीय टीम संतोषजनक प्रदर्शन नहीं कर पायी। ऐसे खबरें भी थे की बुकन के कड़ी प्रशिक्षण के कारण कई खिलाड़ी उनके अभ्यास सत्र का हिस्सा भी नहीं बनना चाहते थे । इस बीच तलवींदर और विशेष भृगवंशी जैसे खिलाड़ी उभरकर सामने तो जरूर आए लेकिन भारतीय टीम जहां के तहां रह गई। 2) केनी नेट 2011 एशियन बास्केटबॅाल चैंपियनशिप के लिए जब भारतीय बास्केटबॅाल संघ ने सेक्रमेंटो किंग्स के हेड कोच रह चुके केनी नेट को भारतीय पुरूष टीम का कार्यभार सौंपा गया तब भारत में इस खेल का नया सूर्योदय हो रहा था।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस खबर से कुछ दिन पहले आइमजी रिलांयस और बीफआई के बीच 30 साल का करार हुआ था। जिसमें रिलांयस भारतीय बास्केटबॅाल के विकास के लिए 1500 करोड़ मुहैया कराने वाले था। साथ ही खिलाड़ियों को 3 ग्रेड में उनके काबलियत के अनुसार बांट दिया गया था। ए ग्रेड के खिलाड़ी 30 तो वहीं बी ग्रेड के 20 तो वहीं सी ग्रेड के खिलाड़ी को 10 हजार रूपए की राशि हर 3 महीनें में दी जा रही थी। जमीनी स्तर पर बदलाव के बावजूद भी भारतीय पुरूष बास्केटबॅाल टीम का प्रदर्शन उम्मीद से परे नहीं था। इस प्रतियोगिता में भी भारत पहले राउंड से आगे नहीं जा पायी। मलेशिया और लेबनन से भले काफी टक्कर के मुकाबले जरूर हुए लेकिन दोनों मुकाबलों में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी नेट कुछ दिन जरूर भारतीय टीम के साथ रहें लेकिन 2012 के शुरूआत में उन्होंने अमेरिका में जाने का मन बना लिया और एक बार फिर भारतीय टीम ने विदेशी कोच की तलाश शुरू कर दी।

3) स्कॅाट फ्लेमिंग केनी नेट के छोडे जाने के बाद एनबीए डी लीग या जिसे अब जी लीग कहा जाता हे वहां पर कई टीम को प्रशिक्षण दे चुके स्कॅाट फ्लेमिंग को भारतीय पुरूष बास्केटबॅाल टीम को कार्यभार सौंपा गया। सब सोच रहे थे ये कोच ज्यादा से ज्यादा कुछ महीने रहेगा और चलेगा। फ्लेमिंग के लिए सबस बड़ा टारगेट था। फीलीपींस में होने वाले 2013 फीबा एशिया चैपियनशिप के लिए टीम को तैयार करना जिसके लिए फ्लेमिंग ने एड़ी -चोटी का जोर लगा दिया। इस प्रतियोगिता से पहले भारतीय पुरूष टीम ने साबा क्वालीफायर खेला और वहां जीतने के बाद फ्लेमिंग की ये टीम बेहतर अभ्यास और तैयारियों के लिए टर्की रवाना हो गई। भारतीय टीम इस बार पहले से अलग लग रही थी और जिसका नतीजा इस प्रतियोगिता में भी देखने को मिला। भारतीय टीम को भले ही बहरीन के खिलाफ ओवरटाइम में 2 अंक से हार का सामना करना पड़ा लेकिन इस टीम का प्रदर्शन लाजावाब था। दूसरे मुकाबले में विशेष भृगवंशी की अगुवाई वाली इस टीम ने थाइलैंड को हराया। हालांकि इस प्रतियोगिता में भारतीय टीम 2 मुकाबले से ज्यादा जीत नहीं पायी। लेकिन भारतीय पुरूष टीम के लिए ये जीत काफी मायने रखते थे।

बड़ी प्रतियोगिता में जीतने की आदत भूल चुकी ये टीम धीरे-घीरे अपने लय में आना शुरू कर चुकी थी। 2014 में भारतीय पुरूष टीम ने लुसुफुनिया गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने के साथ ही ये बता दिया की वो किसी से कम नहीं। इस साल भारत ने 2014 फीबा एशिया चैलैंज में चीन को हराकर सभी को भौचक्का कर दिया। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ थ । जब भारत ने एशियन बास्केटबॅाल के पावरहाउस माने जाने वाले किसी टीम को धूल चटाई हो। इसका असर इसी साल एशियन गेम्स में भी देखने को मिलेगा भारतीय पुरूष बास्केटबॅाल टीम ने यहां पर भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए 5 में से 2 मुकाबले जीतते हुए अंकतालिक में 9वां स्थान हासिल किया लेकिन किसी के लिए सब कुछ अच्छा कब तक चल सकता है और कुछ ऐसा इस टीम के साथा हुआ 2015 में फेडरेशन की लड़ाई में एक अच्छी-खासी टीम को फ्लेमिंग छोड़कर चले गए। हालांकि जिस टीम को वो छोड़कर जा चुके थे उस टीम ने इसी साल एबीसी में 8वां स्थान प्राप्त किया। 2003 के बाद ऐसा पहला मौका था जब भारतीय टीम यहां तक पहुंच पायी थी।

लुसुफुनिया गेम्स

4) फील वेबर 2016 में भारतीय पुरूष बास्केटबॅाल टीम का प्रदर्शन संतोषजनक था। इस दौरान टीम ने कई अंतराष्ट्रीय मुकाबले खेले और जीते लेकिन फिर से भारत के दृष्टिकोण से एक बार फिर बड़ी प्रतोयिगिता यानी एशियन बास्केटबॅाल चैंपियनशिप का आगाज होना था। अब सवाल ये था कि आखिर किसको एक बार फिर भारतीय पुरूष टीम की कमान सौंपी जाएगी? इस सवाल का जवाब खोजने में भारतीय बास्केटबॅाल संघ ने देर ना लगाई और एक बार फिर ये जिम्मेदारी एनबीए के टीम को प्रशिक्षण दे चुके फील वेबर को दी लेकिन 2017 एबीसी में करारी हार के बाद उनको भी अमेरिका भेज दिया।

इस बीच भारत को 2017 और 2018 के बीच विश्व कप क्वालीफायर के लीग मुकाबले खेलने थे और भारतीय बास्केटबॅाल संघ ने आनन-फानन में महिला टीम के कोच जोरन विसीक को दी लेकिन उनके अगुवाई में भी भारतीय पुरूष टीम को सारे मुकाबलो में हार का सामना करना पड़ा। 5) वसलीन मटीक भारतीय बास्केटबॅाल संघ ने एक बार फिर विदेशी कोच लाने का फैसला किया और इस बार टीम की कमान सर्बियन मूल के रहने वाले वसलीन मटीक को सौंपी जा रही है। जो भारतीय पुरूष टीम का कार्यभार अप्रैल के अंत तक संभाल लेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जोरन विसीक भी सर्बिया के रहने वाले हैं इससे पहले भारतीय टीम का कार्यभार संभाल चुके एलेकसेंडर बुकन भी इस देश के रहने वाले हैं। भारतीय पुरूष बास्केटबॅाल टीम इस समय अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है और ये कहने भी गलत नहीं होगा कि भारतीय टीम पूरी तरह से टूट चुकी है। आशा करते हैं मटीक इस टीम को जोड़ने के साथ भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रदर्शन में सुधार करेंगे।

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