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स्कूलों में खेल पीरियड अनिवार्य करेगा सीबीएसई

स्कूलों में खेल पीरियड अनिवार्य करेगा सीबीएसई
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Manvi Wahane

Published: 31 July 2019 3:00 PM GMT
बच्चों के लिए एक्टिव होने के अनेक लाभ हैं और यह भी प्रमाणित हुआ है कि इससे उनके सोचने -समझने की शक्ति और मस्तिष्क का विकास तेज़ी से होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए देश की प्रमुख एजुकेशन काउंसिल, सीबीएसई, पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए खेल पीरियड अनिवार्य करने की योजना लेकर आई है, जिसका एकमात्र लक्ष्य स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा पर ध्यान देना होगा। इससे पहले इस योजना को केवल नौवीं कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों तक के लिए ही अनिवार्य किया गया था। अब ऐसा कहा जा रहा है कि इसे प्राथमिक कक्षाओं पर भी लागू किया जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह कदम बच्चों को पढ़ाई के दबाव से निपटने में मदद करने और उन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने के लिए उठाया जा रहा है। इसका उद्देश्य बच्चों की प्रतिदिन की जीवन चर्या में शारीरिक एक्टिविटी शामिल करना है। यदि कोई बच्चा कुछ विशेष खेलों या एथलेटिक्स में रुचि रखता है या उसमें बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखता है, तो उन्हें ट्रेनिंग भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त यह सुनिश्चित करने की योजनाएं भी तैयार की जा रही है कि स्पेशल बच्चों का ध्यान रखा जाए और उन्हें भी क्लासेज़ में शामिल रखा जाए। व्हीलचेयर्स, साइन लैंग्वेज आदि के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चे बड़ी संख्या में भाग लें। योग को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। बच्चों को फैसला खुद लेने देने के लिए सीबीएसई उन्हें उनका सिलेबस खुद बनाने देगा, वे अपनी पसंद का खेल या वेलनेस प्रोग्राम खुद चुन सकेंगे। स्कूलों में पहले से उपलब्ध विकल्पों के अलावा बच्चों के लिए एथलेटिक्स, तैराकी, एडवेंचर स्पोर्ट्स, आदि के विकल्प भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इस कदम को अभिभावकों और खेल प्रेमियों, दोनों के द्वारा ही सराहा जा रहा है। लोगों का यह भी मानना है कि इससे बच्चों में ओबेसिटी होने के खतरे की संभावना और बेहद कम एक्टिव जीवनचर्या के कारण होने वाली अन्य बीमारियों का खतरा भी टल सकेगा।
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