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सरकार की स्टेडियम्स के निजीकरण करने की योजना, प्रस्ताव की स्टडी के बाद ही खेल मंत्रालय देगा अपनी प्रतिक्रिया
पीटीआई की खबर के मुताबिक, खेल मंत्रालय ने केंद्र सरकार से जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम्स जैसी महत्वपूर्ण खेल संरचनाओं के निजीकरण करने की उनकी योजना के बाबत, एक विस्तृत प्रस्ताव की मांग की है। 1.05 ट्रिलियन के डिवेस्टमेंट टारगेट तक पहुंचने के लिए भूमि और संपत्ति को मॉनिटाइज़ करने की अपनी योजना के हिस्से के तौर पर सरकार ने भारतीय रेल के हेरिटेज रूट्स और स्टेडियम्स जिनमें जेएलएन भी शामिल हैं, को निजी सेक्टर के निवेश के लिए खोलने का फैसला किया है। खेल मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि,
"हाल ही में हुई एक बैठक के दौरान, नीति आयोग के एक सदस्य ने इस विचार को पेश किया था लेकिन हमारा मत स्पष्ट है, हम चाहते हैं कि स्टेडियम्स का उपयोग केवल देश के खिलाड़ियों के लिए किया जाए।"
जेएलएन के अलावा, सरकार ने इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और करनैल सिंह स्टेडियम को भी पब्लिक - प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल में शामिल करने का सुझाव प्रस्तुत किया है।
उच्च अधिकारी के अनुसार,
"नीति आयोग पहले हमारे समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत कर दे, हम उसका अध्ययन करेंगे और देखेंगे कि हमारे खिलाड़ियों के लिए क्या बेहतर है। हम ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लेंगे जो देश के खिलाड़ियों के विरुद्ध हो।"
उन्होंने यह भी बताया कि इस संबंध में दो बैठकें पहले ही हो चुकी हैं लेकिन फिलहाल आगे की चर्चा के लिए कोई नई तिथि निश्चित नहीं की गई है।