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WPL: महिला क्रिकेट में महिला प्रीमियर लीग एक अहम कदम, जानें आईपीएल से कितनी अलग है डबल्यूपीएल

महिला प्रीमियर लीग (डबल्यूपीएल) के उद्घाटन संस्करण के लिए खिलाड़ियों की नीलामी हो गई हैं। जहां पहले सीजन के लिए महिला खिलाडियों पर करोड़ों रुपया की बोली लगी। डबल्यूपीएल की सबसे महंगी खिलाड़ी भारतीय टीम की उपकप्तान और सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना रहीं। स्मृति को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) ने 3 करोड़ 40 लाख रुपये की बड़ी रकम में खरीद कर टीम में शामिल किया। जबकि दीप्ति शर्मा को यूपी वारियर्स ने दो करोड़ 60 लाख रुपये में खरीदा। जेमिमा रोड्रिग्स और युवा भारतीय सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा के लिए भी दिल्ली की टीम ने दो करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए।
महिला क्रिकेट में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें से डबल्यूपीएल जैसी बड़ी लीग की शुरुआत होना अहम बात हैं।
पुरुष खिलाड़ियों के समान ही अब महिला खिलाड़ी भी बड़े टूर्नामेंट में खेलती नजर आएंगी।
पुरुषों की प्रीमियर लीग यानी की आईपीएल और महिलाओं की प्रीमियर लीग यानी कि डबल्यूपीएल के बीच तुलना करें तो दोनों के बीच बड़ा अंतर देखने को मिला हैं।
जहां डब्ल्यूपीएल में खिलाड़ियों के लिए वेतन की कुल सीमा 12 करोड़ है तो वहीं पिछले साल आईपीएल की बड़ी नीलामी के लिए प्रत्येक फ्रेंचाइजी के पास 90 से 95 करोड़ रुपये का बजट था।
दोनों लीग की पहली नीलामी की बात करें तो सोमवार को मंधाना को जो राशि मिली उसकी तुलना में तब चेन्नई सुपर किंग्स ने महेंद्र सिंह धोनी (नौ करोड़ 50 लाख रुपये) को खरीदने के लिए उससे लगभग तीन गुना अधिक राशि का भुगतान किया था।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि पुरुष खिलाड़ियों को जिस हिसाब की बड़ी रकम मिलती है, उसके सामने महिलाओं पर लगी बोली मामूली सी रकम हैं। हालाकि जिस तेजी से महिला क्रिकेट में बदलाव किए जा रहे हैं, उनको देखते हुए यह कह सकते है कि धीरे ही सही पर महिला क्रिकेटरों की स्थिति में सुधार हो रहा हैं।