क्रिकेट
नीलामी में प्रयोग किए जाने वाले शब्दों पर हिमाचल के पूर्व सीएम ने जताई आपत्ति, बोले- महिला खिलाडियों को बिकी हुई कहना दुर्भाग्यपूर्ण
पूर्व सीएम शांता कुमार ने महिला खिलाड़ियों के लिए बोली जैसे शब्दों के इस्तेमाल को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
महिला क्रिकेट में अहम कदम उठाए जा रहें हैं। इसी में एक बड़ा कदम महिला प्रीमियर लीग यानी की डबल्यूपीएल का हैं। महिला प्रीमियर लीग के उद्घाटन संस्करण का आयोजन मार्च के महीने में होना हैं। जिसके लिए महिला खिलाडियों की नीलामी हो गई हैं। नीलामी में भारतीय टीम की सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना सबसे महंगी खिलाड़ी साबित हुई, जिन्हें रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने टीम में शामिल किया।
लेकिन नीलामी के में प्रयोग किए जाने वाले शब्दों को लेकर हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आपत्ति जताई हैं। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने देश की महिला खिलाड़ियों को बिकी हुई कहने पर नाराज़गी जताई है। उन्होंने महिला खिलाड़ियों के लिए बोली जैसे शब्दों के इस्तेमाल को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
शांता कुमार ने मुताबिक वह सुबह अखबार के पहले पेज पर लगी खबर को पढ़ते-पढ़ते ही कुछ सोचने लगा। सोचते-सोचते सिर शर्म से झुक गया। खबर थी कि आईपीएल नीलामी में भारत की कोई बेटी सबसे अधिक डेढ़ करोड़ में बिकी, कोई बेटी 40 लाख रुपए में बिकी, कोई बेटी नीलामी में बहुत सस्ती बिकी और कोई बेटी बहुत मंहगी बिकी।
पूर्व सीएम ने कहा, "खेलों के लिए इसी प्रकार हर वर्ष नीलामी लगती है। देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी खरीदे और बेचे जाते हैं। सच्चाई यह है कि उस अर्थ में न तो कोई नीलामी होती है और न ही कोई खरीदा व बेचा जाता है। वास्तव में कोई संस्था खेलने के लिये किसी खिलाड़ी को रिवार्ड से सम्मानित करती हैं।"
उन्होंने कहा, "कहा अच्छे खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिये संस्थाओं का आपस में मुकाबला होता है, लेकिन भाषाएं इतनी दिवालिया नहीं हुई हैं कि इस गौरवपूर्ण कार्य के लिए अच्छे शब्द न मिलें। मुझे समझ नहीं आता नीलामी में खिलाड़ियों का लाखों करोड़ों में खरीदा और बेचा जाना क्यों लिखा जाता है।"
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से ऐसे शब्दों के इस्तेमाल पर रोक का आग्रह करते हुए शांता कुमार ने कहा, "भारत सरकार के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से विशेष आग्रह किया है कि इन शब्दों का प्रयोग न किया जाए। खिलाड़ी किसी संस्था के लिए खेलते है। कोई संस्था इन खिलाड़ियों को खेलने के लिए लाखों करोड़ों से सम्मानित करती है। मुझे विश्वास है कि हिमाचल के युवा नेता अनुराग ठाकुर इस महत्वपूर्ण विषय पर निर्णय लेकर एक ऐतिहासिक काम करेंगे।"