क्रिकेट
रणजी ट्रॉफी में महिला अंपायर राठी, नारायणन और वेणुगोपालन का हुआ डेब्यू
बीसीसीआई से पंजीकृत 150 अंपायर में सिर्फ तीन महिला हैं।
रणजी ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट में तीन महिला अधिकारियों को जगह मिली हैं। वृंदा राठी, जे नारायणन और गायत्री वेणुगोपालन
मंगलवार को प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट में पदार्पण करने वाली शुरुआती महिला अधिकारी बनीं हैं।
वेणुगोपालन झारखंड और छत्तीसगढ़ के बीच जमशेदपुर में अधिकारी की भूमिका निभा रही हैं जबकि नारायणन सूरत में रेलवे बनाम त्रिपुरा और राठी पोरवोरिम में गोवा बनाम पुडुचेरी मुकाबले में अंपायरिंग कर रही हैं।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के महिला अंपायरों को पुरुष घरेलू प्रतियोगिताओं में मौका देने के फैसला देने के बाद रणजी ट्रॉफी में इन तीनों महिला अधिकारियों को अधिकारी की भूमिका निभाने का मौका मिला है।
नारायणन 36 साल की, और वृंदा राठी 32 की है, जबकि वेणुगोपालन की उम्र 43 हैं। नारायण शुरू से ही क्रिकेट प्रेमी थी, नारायणन ने 2018 में बीसीसीआई की लेवल दो की अंपायरिंग परीक्षा पास की और फिर अपनी सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की नौकरी छोड़कर अंपायरिंग से जुड़ी।वह 2021 में तमिलनाडु प्रीमियर लीग में भी अधिकारी की भूमिका निभा चुकी हैं। वहीं मुंबई में स्थानीय मैचों में स्कोरिंग करती थी। उन्होंने बीसीसीआई की स्कोरर की परीक्षा पास की। वह 2013 महिला विश्व कप में बीसीसीआई की आधिकारिक स्कोरर थी। इसके बाद वह अंपायरिंग से जुड़ी जिसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने 2020 में उन्हें डेवलपमेंट अंपायरों के पैनल में शामिल किया।
दिल्ली की वेणुगोपालन बीसीसीआई की परीक्षा पास करने के बाद 2019 में अंपायरिंग शुरू की। वह पहले ही रणजी ट्राफी में रिजर्व अंपायर (चौथे अंपायर) की भूमिका निभा चुकी हैं। बीसीसीआई महिला अंपायरिंग के मामले में काफी पीछे है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में पुरुष क्रिकेट में वे पहले ही अधिकारी की भूमिका निभा रही हैं।
गौरलतब है कि बीसीसीआई से पंजीकृत 150 अंपायर में सिर्फ तीन महिला हैं।