क्रिकेट
विश्व कप टीम से बाहर होना जीवन का सबसे मुश्किल दौर: जेमिमा रोड्रिग्स
पिछले साल न्यूजीलैंड में वनडे विश्व कप की टीम में जगह बनाने की दौड़ में पिछड़ने से बाद जेमिमा मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में नहीं चल रही थी।
महिला टी20 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करने वाली सलामी बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स ने लंबे समय बाद वापसी की हैं। रविवार को हुए मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की। जहां जेमिमा ने लंबे समय बाद अपने बल्ले से जादू दिखाया। 38 गेंद में नाबाद 53 रन बनाए।
पिछले साल न्यूजीलैंड में वनडे विश्व कप की टीम में जगह बनाने की दौड़ में पिछड़ने से बाद जेमिमा मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में नहीं चल रही थी।
मैच के बाद जेमिमा ने कहा, "मुझे लगता है कि पिछले साल इस समय जब मैं घर पर थी और मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में नहीं थी क्योंकि मुझे (भारत की) 50 ओवर के विश्व कप की टीम से बाहर कर दिया गया था। यह मेरे लिए सबसे कठिन समय था लेकिन उस दौरान बहुत सारे लोग थे जिन्होंने मेरी मदद की।''
उन्होंने कहा, ''ईमानदारी से कहूं तो कई बार मेरे पास खुद को बताने के लिए कुछ नहीं था। कई बार मैंने हार मान ली थी। मेरे पास आगे बढ़ने की ताकत नहीं थी और मुझे पता है कि बहुत से लोग कहते हैं कि आपको खुद को प्रेरित करने की जरूरत थी पर जब कोई व्यक्ति इस तरह की चीजों से गुजरता है तो वही बता सकता है कि उसे किस चीज का सामना करना पड़ रहा है।''
जेमिमा ने अपने निजी कोच प्रशांत शेट्टी और अपने पिता की आभारी हैं जिन्होंने उन्हें उस कठिन दौर से बाहर निकालने में मदद की।
उन्होंने कहा, ''जैसा मैंने कहा, मैंने ब्रेक लिया, फिर मैं अपने कोच प्रशांत शेट्टी और अपने पिता (इवान) के पास वापस गई। हमने एक योजना बनाई, जैसे एक हफ्ते में मैं मुझे दो मैच खेलने थे, मैच खेलने को अधिक समय देना था और बाकी समय मैं अभ्यास करती। रविवार को मेरी छुट्टी होती थी।''
जेमिमा ने कहा, ''यह बहुत चुनौतीपूर्ण है, सुबह के समय बहुत ओस होती थी। उन हालात में मुझे अंडर -19 लड़कों के साथ खेलना था। ऐसी परिस्थितियों में खुद को रखने से मुझे अपनी सहज स्थिति से बाहर निकलने में मदद मिली।''
महिला प्रीमियर लीग को लेकर जेमिका ने कहा कि वह पहली महिला प्रीमियर लीग में खेलने के लिए और इंतजार नहीं कर सकती जिसकी नीलामी सोमवार को मुंबई में होनी है।
उन्होंने कहा, ''ईमानदारी से कहूं तो मैं सिर्फ डब्ल्यूपीएल खेलना चाहती हूं। मुझे परवाह नहीं है कि कौन सी टीम मुझे लेने जा रही है और मैं सिर्फ इसका हिस्सा बनना चाहती हूं क्योंकि यह भारत में सभी के लिए एक सपने के सच होने जैसा है और हमने इसके लिए बहुत लंबा इंतजार किया।''