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क्रिकेट

करुणा जैन ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से लिया संन्यास, सफ़र में मौजूद सभी साथियों का किया धन्यवाद

करुणा ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए उन सभी लोगों का धन्यवाद किया जिन्होंने खेल के सफ़र में उनका साथ दिया।

Karuna Jain
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करुणा जैन 

By

Pratyaksha Asthana

Published: 25 July 2022 4:46 AM GMT

भारतीय क्रिकेट टीम की पूर्व विकेटकीपर करुणा जैन ने रविवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की हैं।

करुणा ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए उन सभी लोगों का धन्यवाद किया जिन्होंने खेल के सफ़र में उनका साथ दिया।

करुणा ने बयान में कहा,"काफी खुशनुमा और संतुष्ट अहसास के साथ मैं क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा करती हूं और खेल को वापस कुछ योगदान देने को लेकर उत्सुक हूं।''

उन्होंने कहा,"यह मेरे लिए एक अविश्वसनीय यात्रा रही है और यह उन सभी -के बिना संभव नहीं होता, जिन्होंने मेरे उतार-चढ़ाव के दौरान मेरा साथ दिया।"

बेंगलुरु में जन्मी करुणा के नाम महिला एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में आठ अर्द्धशतक और एक शतक हैं। 36 साल की करुणा ने अपने करियर में भारत, कर्नाटक, पुड्डुचेरी और दक्षिण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।करुणा ने पांच टेस्ट मैच में 195 रन बनाए जबकि इस दौरान 40 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा।

उन्होंने नवंबर 2005 में दिल्ली में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट पदार्पण किया।

बता दें करुणा ने अपना अंतिम टेस्ट अगस्त 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ वॉर्म्सले में खेला था। खास बात है कि करुणा ने 44 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और एक शतक तथा नौ अर्धशतक की मदद से 987 रन बनाए। इस प्रारूप में 103 रन उनका सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर रहा। करुणा ने नौ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और इस प्रारूप में भी भारत के लिए अंतिम मैच 2014 में ही खेला

इसके अलावा करुणा ने अपने टेस्ट करियर में 17 शिकार किए जो अंजू जैन के 23 शिकार के बाद भारत की किसी महिला विकेटकीपर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

अपने साथियों और सभी कोच का धन्यवाद करते हुए करुणा ने कहा,"मैं इस मौके पर उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं जो शुरुआत से ही मेरे क्रिकेट सफर का हिस्सा रहे जिसमें मेरे कोच, सहयोगी स्टाफ और टीम के मेरे साथी शामिल हैं।"

उन्होंने कहा,"इनमें से प्रत्येक ने मुझे खेल और जीवन के बारे में कुछ अलग सिखाया और मैं वह खिलाड़ी तथा इंसान बनी जो आज हूं।''

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