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क्रिकेट

बुमराह ने 14 साल की उम्र में क्रिकेटर बनने की ठानी, अब बने भारतीय टेस्ट टीम के 36वें कप्तान

इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट के लिए बने कप्तान

बुमराह ने 14 साल की उम्र में क्रिकेटर बनने की ठानी, अब बने भारतीय टेस्ट टीम के 36वें कप्तान
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Amit Rajput

Updated: 1 July 2022 3:04 PM GMT

भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पांचवा और अंतिम टेस्ट मैच शुक्रवार से बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान में शुरू हुआ। इस मैच में भारतीय टीम की कप्तानी जसप्रीत बुमराह कर रहे हैं। इसी के साथ वें आज भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में भारत की कप्तानी करने वाले 36वें कप्तान बने हैं। जसप्रीत बुमराह पहली बार भारतीय टीम की कमान संभाल रहे हैं। आईये जानते उनके बारे में और विस्तार से कि कैसे वह एक साधारण लड़के से भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान बने।

बचपन में गुजरे पिता

जसप्रीत का जन्म 6 दिसंबर 1993 को गुजरात के अहमदाबाद शहर में हुआ। बुमराह का बचपन बड़ी ही विकट परिस्थितियों में गुजरा। उनके पिता जसबीर सिंह की हेपेटाइटस बी के कारण मृत्यु हो जाने के बाद उनकी मां ने उनको और उनकी बहन को अकेले पाला। जब उनके पिता की मृत्यु हुई तब उनकी उम्र महज 7 साल थी। जसबीर सिंह का केमिकल बिजनेस था जो प्रेशर वाले बर्तनों में इस्तेमाल होता है। उनकी मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारी जसप्रीत की मां दलजीत के कंधों पर आ गई। वह टीचर थीं। वह निर्मन हाई स्कूल के प्री- प्राइमरी सेक्शन की प्रिंसिपल थी, जहां जसप्रीत ने भी पढ़ाई की।

14 साल की उम्र में क्रिकेटर बनने का लिया निर्णय

जसप्रीत को भी अन्य बच्चों की तरह क्रिकेट खेलना पसंद था। समय के साथ-साथ जसप्रीत की दिलचस्पी क्रिकेट में बढ़ने लगी और जब वह 14 साल के हुए तो एक दिन उन्होंने अपनी मां से जाकर कहा कि वह क्रिकेटर बनना चाहते हैं। उनकी मां यह सुनकर हैरान हो गई और कहने लगी कि यहां तो हर गली में इतने बच्चे क्रिकेट खेलते हैं और ऐसे में क्रिकेटर बनना कोई आसान काम नहीं और टीम इंडिया का हिस्सा बनना बहुत ही मुश्किल है। तब जसप्रीत ने कहा कि आप मुझ पर भरोसा रखें। मैं पूरी मेहनत करूंगा। जसप्रीत की मां ने अपने बेटे की बात मान गईं और उन्हें एक मौका दिया।

जमकर की मेहनत


जसप्रीत ने भी अपने इस सपने को साकार करने के लिए जी जान लगा दी। वह सुबह स्कूल जाने से पहले क्रिकेट का अभ्यास करते, फिर स्कूल अटेंड करने के बाद घर पहुंचने से पहले एक बार फिर क्रिकेट की प्रैक्टिस किया करते और अपना यह प्रैक्टिस सेशन वह कभी भी नहीं छोड़ते थे और आखिर में उनकी यह मेहनत रंग लाई। जब उनका सिलेक्शन गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के समर कैंप में हुआ। यहां उन्होंने अपनी गेंदबाजी क्षमता से सभी को हैरान कर दिया। इसके बाद जल्द ही उनका चयन एमआरएफ पेस फाउंडेशन में हुआ। इसके बाद उनका चयन गुजरात अंडर 19 में हुआ। उनके बेहतरीन परफॉर्मेंस के कारण उन्हें 2012 में पुणे में होने वाली सैयद मुश्ताक अली टी20 चैंपियनशिप के लिए चुना गया। यह उनकी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ था क्योंकि यह उनहें सफलता की ऊंचाइयों पर ले जाने वाला था।

मुंबई इंडियंस में मिला मौका


वहां उस समय के इंडियन कोच जॉन राइट , जो आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस को तैयार कर रहे थे। उनकी नजर जसप्रीत पर पड़ी और वह उनकी गेंदबाजी तकनीक से काफी प्रभावित हुए। इसके बाद जल्द ही जसप्रीत को मुंबई इंडियंस का हिस्सा बनने का ऑफर आया। जिसे साइन करने के बाद वह उस टीम में पहुंच गए जहां क्रिकेट के बड़े बड़े नायक जैसे सचिन तेंदुलकर, रिकि पोंटिंग और लसिथ मलिंगा थे। साल 2013 में जसप्रीत बुमराह ने मुंबई इंडियस के लिए पदार्पण किया। जहां उन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया।

2016 में किया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण

इसके बाद साल 2016 में उन्हें आस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने का मौका मिला। जहां उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी प्रभावित किया। इसके बाद उसी साल उसी महीने में आस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 क्रिकेट में भी पदार्पण किया। उन्हें उनके दमदार प्रदर्शन के कारण टी20 वर्ल्ड कप में भी खेलने का मौका मिला और वें जल्द ही लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में भारतीय टीम के महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए। इसके बाद साल 2018 में उन्हें साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने का मौका मिला।

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