क्रिकेट
डेब्यू मैच में कमाल करने वाली अमनजोत ने पिता के संघर्षों और कोच की मेहनत को किया याद
अमनजोत कौर ने अपने पहले ही मैच में 41 रनों की पारी खेलकर 'प्लेयर ऑफ द मैच' का खिताब अपने नाम किया।

साउथ अफ्रीका के खिलाफ ट्राई सीरीज में डेब्यू करने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम की अमनजोत कौर ने अपने पहले ही मैच में 41 रनों की पारी खेलकर 'प्लेयर ऑफ द मैच' का खिताब अपने नाम किया।
मैच जीतने के बाद अमनजोत ने कहा, ''यह अवास्तविक सा अहसास है। मैंने अपने पदार्पण मुकाबले में मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार पाने के बारे में कभी नहीं सोचा था। मैंने कभी इसकी उम्मीद नहीं की थी।''
प्लेयर ऑफ द मैच जीतने के बाद अमनजोत ने इस उपलब्धि का श्रेय अपने पिता और कोच को दिया। उन्होंने अपनी पारी के बाद अपने पिता भूपिंदर सिंह तथा कोच नागेश गुप्ता के बलिदान को याद किया।
अमनजोत के पिता बढ़ई सह कांट्रैक्टर का काम करते हैं। बेटी की ट्रेनिंग में कोई बाधा न आए इसलिए उन्हें अपना काम आधा करना पड़ा। पिता भूपिंदर ने इसके बाद बाहर काम लेना बंद कर दिया और मोहाली में अपने घर के पास ही काम किया जिससे कि उन्हें अमनजोत के साथ उनकी अकादमी में जाने का समय मिल सके।
अपने पिता के बलिदान को याद करते हुए बेटी अमनजोत ने कहा, "मेरे पिता ने मेरे करियर में बड़ी भूमिका निभाई। शुरुआत में उन्होंने सोचा था कि यह दौर गुजर जाएगा और धीरे धीरे क्रिकेट में मेरी रुचि कम हो जाएगी। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत के लिए खेलूंगी। मैंने क्रिकेट में खुद को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत की।"
कौर ने आगे कहा, "पिताजी का संघर्ष मेरे से बहुत बड़ा है, उन्होंने अपना आधा काम मेरे लिए छोड़ दिया जिससे कि मैं अकादमी जाने से वंचित नहीं रहूं, वह सुबह और शाम को मुझे अकादमी लेकर जाते। उन्होंने अपना आधा काम छोड़ दिया और हमारे घर के पास ही रहे।''
पिता के अलावा अमनजोत को यहां तक पहुंचने में उनके कोच नागेश गुप्ता ने बड़ी भूमिका निभाई हैं। कोच गुप्ता ने अमनजोत को चंडीगढ़ की कप्तानी छोड़कर सितारों से सजी पंजाब की टीम से दोबारा जुड़ने को कहा जिसका नतीजा यह हुआ कि इस युवा खिलाड़ी को भारतीय टीम में जगह मिली।
कोच के योगदान को लेकर अमनजोत ने कहा, "नागेश सर के पास जाना उनके करियर का निर्णायक पल रहा। मैंने सारी सफलता नागेश सर के माध्यम से ही हासिल की है। उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई। मैंने एक गेंदबाज के रूप में शुरुआत की और अब एक बल्लेबाजी ऑलराउंडर के रूप में गिना जाना मेरे लिए एक बड़ी उपलब्धि है।"
अमनजोत ने अपने करियर की शुरुआत पंजाब से की, फिर वह चंडीगढ़ आ गईं, जहां उनके करियर ने 'टर्निंग पॉइंट' लिया। जिसके बाद कोच गुप्ता के कहने पर उन्होंने पंजाब वापस लौटने का फैसला लिया जो सफल रहा। और आज यह युवा खिलाड़ी भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उभरती हुई स्टार खिलाड़ी के रूप में नजर आ रही हैं।
गौरतलब है कि जल्द ही होने वाले महिला आईपीएल के पहले संस्करण की नीलामी में भी अमनजोत हिस्सा ले सकती हैं। हालाकि उन्होंने समझदारी दिखाते हुए भारत के लिए पदार्पण करने से पहले खुद को पंजीकृत नहीं किया है।
अमनजोत ने कहा, ''मैंने पंजीकरण नहीं किया है क्योंकि मैं श्रेणी के बारे में निश्चित नहीं थी। अब मैं निश्चित रूप से फॉर्म भर सकती हूं, उम्मीद है कि कोई टीम मुझे चुनेगी। मैं बस अधिक से अधिक मैच खेलना चाहती हूं और अपनी टीम के लिए योगदान देना चाहती हूं।''
बता दें भारत और साउथ अफ्रीका के बीच ट्राई सीरीज का पहला मैच खेला गया जहां भारतीय टीम ने 27 रनों से साउथ अफ्रीका को हराकर जीत के साथ आगाज किया।