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इतिहास विशेष: जब भारत ने सेमीफाइनल में पाकिस्तान को हराकर फाइनल में बनाई थी जगह

इतिहास विशेष: जब भारत ने सेमीफाइनल में पाकिस्तान को हराकर फाइनल में बनाई थी जगह
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Ankit Pasbola

Updated: 13 April 2022 8:41 PM GMT

आज के दिन साल 2011 में भारत और पाकिस्तान के बीच मोहाली में एकदिवसीय विश्वकप का सेमीफाइनल मुकाबला खेला गया, जिसे भारत ने जीतकर फाइनल में प्रवेश किया था। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने पाकिस्तान के ऊपर जीत का रिकॉर्ड बरकरार रखा था, जो कि आज भी कायम है। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने सर्वाधिक 85 रनों का योगदान दिया।

भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी। सचिन तेंदुलकर- वीरेंदर सहवाग की सलामी जोड़ी पारी की शुरुआत करने उतरी। तूफानी बल्लेबाज सहवाग ने अपने चिर-परिचित अंदाज में पाकिस्तानी गेंदबाजों की बखिया उधेड़ दी। सहवाग ने 25 गेंदों में 9 चौकों की मदद से 38 रनों की पारी खेली और 48 के स्कोर पर पहले विकेट के रूप में आउट हुए। वहाब रियाज की घातक गेंदबाजी के सामने भारतीय मध्यक्रम लड़खड़ा गया। हालांकि दूसरे छोर से सचिन तेंदुलकर ने जमकर बल्लेबाजी की और 115 गेंदों में 85 रनों की उपयोगी पारी खेली थी। निचले क्रम में सुरेश रैना ने नाबाद 36 रनों की पारी खेलकर टीम को 260 रनों के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। पाकिस्तान की ओर से वहाब रियाज ने सर्वाधिक 5 विकेट चटकाये।

जवाब में पाकिस्तान की शुरुआत खराब कुछ खास नहीं रही और मेहमान टीम ने अपने विकेट नियमित अंतराल में गंवाए। भारतीय तेज गेंदबाजों की अच्छी गेंदबाजी के कारण पाकिस्तान की आधी टीम 142 के स्कोर तक ही पवेलियन लौट गई। हालांकि एक छोर से मिस्बाह उल हक का संघर्ष जारी रहा और उन्होंने सर्वाधिक 56 रनों की पारी खेली। भारतीय गेंदबाजों की कसी हुई गेंदबाजी के सामने पाकिस्तान टीम 231 रन ही बना सकी और ढेर हो गई। सचिन तेंदुलकर को उनकी अर्धशतकीय पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया था। इसके बाद एमएस धोनी की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने श्रीलंका को हराकर विश्व कप अपने नाम किया था।

संक्षिप्त स्कोरकार्ड:

भारत: 260/9 (सचिन तेंदुलकर-85 रन, वहाब रियाज 5/46)

पाकिस्तान: 231/9 (मिस्बाह उल हक-56, आशीष नेहरा 2/33)

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