राष्ट्रमंडल खेल
राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों से मिले प्रधानमंत्री मोदी
इस मौके पर उन्होंने कहा कि खिलाड़ी देश को सिर्फ मेडल नहीं देते, बल्कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार करने का काम कर रहे हैं
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन करने वाले भारतीय खिलाड़ियों की तुलना भारत की स्वतंत्रता के क्रांतिवीरों से करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि खिलाड़ी देश को सिर्फ एक पदक नहीं या गर्व करने का अवसर ही नहीं देते बल्कि 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को सुदृढ करते हैं। राष्ट्रमंडल खेलों में ऐतिहासिक 61 पदक जीतकर लौटे भारतीय दल की प्रधानमंत्री मोदी ने अपने निवास पर मेजबानी की।
प्रधानमंत्री मोदी ने खिलाड़ियों से कहा, "आप सभी बाकी क्षेत्रों में भी युवाओं को बेहतर प्रदर्शन के लिये प्रेरित करते हैं। आप सभी देश को एक संकल्प, एक लक्ष्य के साथ जोड़ते हैं जो हमारी आजादी की लड़ाई की भी बहुत बड़ी ताकत थी।अनगिनत क्रांतिवीरों की भी धारा अलग थी लेकिन लक्ष्य एक था। आप सभी का राज्य, जिला, गांव, भाषा कोई भी हो लेकिन आप भारत के मान अभिमान के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं।"
उन्होंने कहा, "आजादी की लड़ाई से लेकर आजाद भारत के नवनिर्माण तक जिस भावना से एकजुट होकर लोगों ने प्रयास किया, आप सभी भी उसी भावना से मैदान में उतरते हैं। आपकी भी प्रेरणाशक्ति तिरंगा है और तिरंगे की ताकत हाल ही हमने देखी है जो भारतीयों ही नहीं दूसरे देशों के लोगों के लिये भी युद्ध क्षेत्र से बाहर निकलने में सुरक्षा कवच बन गया था।"
उन्होंने इस अवसर पर खिलाड़ियों से कहा, "जब अनुभवी शरत (टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल) दबदबा बनाते हैं और अविनाश ( साबले) , प्रियंका ( गोस्वामी) और संदीप (कुमार) पहली बार दुनिया के श्रेष्ठ एथलीट को टक्कर देते हैं तो नये भारत की भावना दिखती है। भावना यह कि हम हर रेस में , हर प्रतिस्पर्धा में टक्कर देने को तैयार खड़े हैं। एथलेटिक्स के पोडियम पर एक साथ दो दो स्थान पर खड़े होकर तिरंगे को सलामी देते भारतीय खिलाड़ियों को हमने कितनी बार देखा।"
उन्होंने लड़कियों के प्रदर्शन की खास तौर पर तारीफ करते हुए कहा, "अपनी बेटियों के प्रदर्शन पर पूरा देश गदगद है। पूजा गेहलोत का वह भावुक वीडियो देखकर मैने कहा भी था कि आपको माफी मांगने की जरूरत नहीं है , आप देश के लिये विजेता हैं। ओलंपिक के बाद विनेश से भी मैने यही कहा था और मुझे खुशी है कि उन्होंने निराशा को पीछे छोड़कर उन्होंने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया।"
उन्होंने कहा, "मुक्केबाजी, कुश्ती, जूडो में जिस तरह बेटियों ने खेला, वह अदभुत है। हरमनप्रीत के नेतृत्व में पहली बार क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। रेणुका की स्विंग का तोड़ किसी के पास अभी भी नहीं है। दिग्गजों के बीच सर्वाधिक विकेट लेना कम उपलब्धि नहीं है। इनके चेहरे पर भले ही शिमला की शांति और पहाड़ों की मासूम मुस्कान रहती हो लेकिन उनकी आक्रामकता बड़े बड़े बल्लेबाजों के हौसले पस्त कर देता है। यह प्रदर्शन निश्चित तौर पर दूर सुदूर क्षेत्रों में भी बेटियों को प्रोत्साहित करेगा।"
इस मौके पर उन्होंने कहा कि खिलाड़ी देश को सिर्फ मेडल नहीं देते, बल्कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार करने का काम कर रहे हैं।