शतरंज
महिला ग्रैंड प्रिक्स में खराब प्रबंधों के कारण भारत की प्रतिष्ठा पर आई आंच, नाराज होकर दो खिलाड़ियों ने छोड़ा टूर्नामेंट
दिल्ली में 24 मार्च से 6 अप्रैल के बीच चलने वाले इस टूर्नामेंट को शुरू में 24 घंटे का अधिक समय लगा।
भारत में पहली बार आयोजित की जा रही महिला ग्रैंड प्रिक्स चैस प्रतियोगिता के आयोजन में हुई लापरवाही और गड़बड़ के चलते भारत के उपर उंगली उठती दिख रही हैं। फजीहत तब और हुई जब आयोजन समिति के बेकार प्रदर्शन के चलते 2 ग्रैंड मास्टर्स खिलाड़ियों ने खुद को टूर्नामेंट से अलग कर लिया। यह दो खिलाड़ियों में जर्मनी की ग्रैंड मास्टर एलिजाबेथ पेटज्स और कजाकिस्तान ग्रैंड मास्टर जनसाया अब्दुमलिक हैं।
दिल्ली में 24 मार्च से 6 अप्रैल के बीच चलने वाले इस टूर्नामेंट को शुरू में 24 घंटे का अधिक समय लगा। कजाकिस्तान की ग्रैंड मास्टर जनसाया अब्दुमलिक जब टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंची तो उन्हें एयरपोर्ट पर लेने के लिए आयोजकों की तरफ से कोई नहीं था। इसके बाद वह सीधा आयोजकों द्वारा बताए गए होटल में पहुंच गईं और वहां पर खिलाड़ियों के कमरे तैयार नहीं थे। इन सब असुविधाओं के चलते अब्दुमलिक इतनी नाराज हुई कि वह टूर्नामेंट छोड़कर हो चली गई।
दोनों ग्रैंड मास्टर्स के टूर्नामेंट छोड़ने के बाद विवाद इतना बढ़ा कि इंटरनैशनल चैस फेडरेशन (फिडे) के अध्यक्ष आरकाडे ड्वॉर्कोविच को पत्र जारी करके माफी मांगनी पड़ी। उन्होंने यह वादा भी किया कि भविष्य में महिलाओं को होने वाली प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रबंधन करेंगे।
निदेशक भरत सिंह चौहान दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा ऑल इंडिया चैस फेडरेशन के सचिव पद से हटाए जा चुके हैं इसके बावजूद वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली इतनी बड़ी प्रतियोगिता के निदेशक बनाए गए। यही वजह है कि भारत की प्रतिष्ठा खराब हो रही हैं।