मुक्केबाजी
महिला विश्व चैम्पियनशिप में पदक का रंग बदलने के लिये बेकरार है मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन
लवलीना का कहना है कि वह इस चैम्पियनशिप से उन्हें किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक नहीं जीत पाने के मिथक को तोड़ने में मदद मिलेगी।
दिल्ली में 15 मार्च से शुरू होने वाली महिला विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने जा रही भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को उम्मीद है कि अधिक वजन वर्ग में खेलने से उन्हें इस महीने के अंत में शुरू होने वाली आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप से किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक नहीं जीत पाने के मिथक को तोड़ने में मदद मिलेगी।
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना पिछली दो विश्व चैम्पियनशिप में 69 किग्रा वजन वर्ग में कांस्य पदक हासिल कर चुकी हैं। और वह इस बार 75 किग्रा भर वर्ग में भाग लेंगी, इसी वर्ग में उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य अपने नाम किया था।
अब तक स्वर्ण न जीत पाने को लेकर लवलीना ने कहा, ‘‘हां, यह (स्वर्ण पदक नहीं जीतना) मेरे दिमाग में भी चल रहा है, लेकिन मैं इस बार पदक का रंग बदलने के लिये बेकरार हूं। मेरा प्रयास हमेशा स्वर्ण पदक के लिये खेलने का है और इस बार भी कुछ अलग नहीं होगा। तैयारियां अच्छी चल रही हैं और मैं उम्मीद करती हूं कि मैं घरेलू जमीं पर इस मिथक को तोड़ सकती हूं।"
लवलीना के अलावा इस टूर्नामेंट में राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता निकहत जरीन भी स्वर्ण जीतने की कोशिश करेंगी।
इसी को लेकर लवलीना ने कह, "मैं यह नहीं सोच रही हूं कि (विश्व चैम्पियन निकहत जरीन) दबाव मुझ पर होगा या नहीं। हमने स्वीकार कर लिया है कि हमें इस दबाव के साथ रहना होगा। हर टूर्नामेंट में ऐसा होता है।"
लवलीना का पूरा ध्यान टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने पर है।