मुक्केबाजी
विश्व चैंपियन मुक्केबाज निकहत जरीन ने सांप्रदायिक मुद्दों को लेकर कही बड़ी बात
उनके लिए हिंदू-मुस्लिम मायने नहीं रखता
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निकहत जरीन
इन दिनों देशभर में सांप्रदायिक मुद्दों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। देशभर में कई राजनेता और अन्य लोग इस मुद्दे को लेकर अपनी राय रखते हुए नजर आ रहे हैं। इन मुद्दों को लेकर राय रखने में खेल जगत के खिलाड़ी भी पीछे नहीं रह रहे हैं। कई खिलाड़ी सोशल मीडिया तो कहीं खिलाड़ी मीडिया के माध्यम से अपनी अपनी राय सभी के सामने रख रहे हैं।
अब इन सांप्रदायिक मुद्दों को लेकर मौजूदा विश्व चैंपियन मुक्केबाज निकहत जरीन ने भी सभी के सामने अपनीं बात मीडिया के सामने रखी है। उन्होंने देश में वर्तमान हालात को लेकर कहा कि वह किसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने की जगह भारत का प्रतिनिधित्व करती है। उनके लिए हिंदू-मुस्लिम मायने नहीं रखता। उन्होंने कहा कि उनके लिए सबसे पहले देश आता है। उसके बाद कोई धर्म या कोई और चीज आती है।
तेलंगाना की इस 25 साल की मुक्केबाज ने कहा, कि बड़े मंच पर पहुंचने के बाद बहुत सारे खिलाड़ी दबाव में आ जाते हैं और वे प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। बस एक बार जब आप उस (विश्व) स्तर पर पहुंच जाते हैं, तो मुक्केबाजों को मानसिक दबाव को संभालने के लिए प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। आगे कहा कि भारतीय खिलाड़ी नियमित आयोजनों में अच्छा प्रदर्शन करते है, लेकिन ओलिंपिक या विश्व चैंपियनशिप जैसे बड़े मंच पर लड़खड़ा जाते हैं। निकहत से जब पूछा गया कि भारतीय मुक्केबाजों में कहां कमी है, तो उन्होंने कहा, 'भारतीय मुक्केबाज बहुत प्रतिभाशाली हैं, हम किसी से कम नहीं हैं। हमारे पास ताकत, गति और जरूरी कौशल के साथ सब कुछ है।'