मुक्केबाजी
Commonwealth Games 2022: एक अखबार के लेख ने बदली मुक्केबाज सागर अहलावत की जिंदगी
राष्ट्रमंडल खेलों में 92 प्लस वर्ग में मुक्केबाजी में पेश करेंगे चुनौती
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सागर अहलावत
कभी कभी जीवन में छोटे छोटे बदलाव एक बहुत बड़ा परिवर्तन लेकर आते हैं। कुछ ऐसे ही एक छोटे से बदलाव ने भारत के मुक्केबाज सागर अहलावत के पूरे जीवन को बदल कर रख दिया। सागर आगामी महीने में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के मुक्केबाजी के 92 प्लस वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
सागर का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था। उनका पढाई में बिल्कुल मन नहीं लगता। उन्होंने पढाई को छोड़कर कोई दूसरी चीज को प्रोफेशन बनाने का सोचा। वें एक दिन अखबर में मेवेदर और पैकियाओ की फाईट के बारे में पढ रहे थे। जैसे जैसे उस लेख को पढ़ते गए वैसे वैसे वें मुक्केबाजी से प्रेरित होते रहे और मुक्केबाज बनने का सपना देखने लगे। लेकिन मुक्केबाज़ बनने उनके के लिए आसान नहीं था। उन्होंने कहा, ''मैंने 2017 में मुक्केबाजी शुरू की और जवाहर बाग स्टेडियम में ट्रेनिंग करना शुरू किया।''
उन्होंने दो साल बाद अखिल भारतीय विश्वविद्यालय खेलों में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद उन्होंने खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों में लगातार खिताब जीत लिए। इस सुपर हैवीवेट मुक्केबाज ने कहा, ''मैंने 2019 में अपने पहले विश्वविद्यालय खेलों में हिस्सा लिया, जिसमें मुझे स्वर्ण पदक मिला। फिर मैंने 2020 में और अगले साल भी खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों में स्वर्ण पदक जीता।''
सीनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता 2021 में पदार्पण में रजत पदक के बाद उन्हें पटियाला में राष्ट्रीय शिविर में शामिल कर लिया गया। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल में भी प्रभावित करना जारी रखा। सागर ने टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे सतीष कुमार को हराने के बाद मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन नरेंदर को हराकर बर्मिंघम का टिकट कटाया जो उनका पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा। सागर ने कहा, "मैं नर्वस बिलकुल नहीं हूं कि यह मेरा पहला टूर्नामेंट है क्योंकि मैंने बहुत अच्छी ट्रेनिंग की है। मैं अच्छी बाउट लड़ना चाहता हूँ।"