मुक्केबाजी
मुक्केबाज कौर सिंह का निधन, पंजाब के मुख्यमंत्री ने जताया शोक
कौर को 1982 में अर्जुन पुरस्कार और 1983 में पद्मश्री से नवाजा गया था।
एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मुक्केबाज कौर सिंह का का हरियाणा के कुरूक्षेत्र के एक अस्पताल में बृहस्पतिवार को निधन हो गया। कौर सिंह पंजाब के ही नहीं बल्कि भारत के प्रमुख बॉक्सरों में से एक थे। वह 74 वर्ष के थे और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे।
उन्होंने जनवरी 1980 में एक नुमाइशी मैच में महान मुक्केबाज मुहम्मद अली का सामना किया था। उन्होंने दिल्ली में 1982 एशियाई खेलों में हैवीवेट मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक जीता था। कौर को 1982 में अर्जुन पुरस्कार और 1983 में पद्मश्री से नवाजा गया था।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पूर्व ओलंपियन और अनुभवी मुक्केबाज कौर सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।’’
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि कौर सिंह ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में नाम और प्रसिद्धि अर्जित करके भारत को गौरवान्वित किया है। उन्होंने ओलंपिक खेलों में भी देश का प्रतिनिधित्व किया। मान ने कहा कि कौर सिंह का जीवन और योगदान आकांक्षी मुक्केबाजों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा। कौर सिंह पंजाब के संगरूर जिले में अपने पैतृक गांव खनाल खुर्द में रह रहे थे। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं।
उनके जीवन पर पंजाबी फिल्म भी बन चुकी है। इससे पहले पंजाब सरकार ने इस महीने स्कूली पाठ्य पुस्तकों में पंजाब के चार महान खिलाड़ियों की जीवनी शामिल करने की घोषणा की थी जिनमें महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर, एथलीट मिल्खा सिंह, ओलंपियन गुरबचन सिंह रंधावा और कौर सिंह शामिल हैं। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि उनकी जीवन गाथाओं को कक्षा 9 और 10 की शारीरिक शिक्षा पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया गया है।