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कुश्ती

3 छुपे रुस्तम जो सकरी गलियों से निकलकर भारत का नाम उजागर करने को हैं तैयार

3 छुपे रुस्तम जो सकरी गलियों से निकलकर भारत का नाम उजागर करने को हैं तैयार
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P. Divya Rao

Published: 21 Sep 2019 10:37 AM GMT

साल का यह समय दुनिया भर में वर्ल्ड चैंपियनशिप्स, अंतराष्ट्रीय खेल, कॉन्टिनेंटल टूर्नामेंट्स के आयोजन के लिए जाना जाता है जिसमें दुनिया भर से लोग हिस्सा लेने आते हैं| सही मायने में किसी खिलाड़ी की प्रतिभा इन मुकाबलों में ही पता चलती है| यह टूर्नामेंट्स उन उभरते हुए खिलाड़ियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर है कि वह अपना नाम दुनिया में बना सकें और अपनी प्रतिभा से लोगों का दिल जीत सकें|

हर खिलाड़ी के लिए ओलंपिक्स और वर्ल्ड चैम्पियशिप्स बहुत मायने रखते हैं पर रियो ओलंपिक्स में भारत के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अब समय था खुद की कमियों को पहचानने का और उनको सुधारने का| कई कोच और खेल जगत के विशेषज्ञों का मानना था कि कम उम्र में किसी भी खेल की ट्रेनिंग शुरू करने से उनको ट्रेन करने के लिए ज़्यादा समय मिलता है| चाइना और अमेरिका जैसे स्पोर्ट्स पावरहाउस भी ऐसा ही करते हैं| युवा खिलाड़ियों को मौका देने से, उनको खेल में पूरी तरह से ढालने के लिए ज़्यादा समय भी मिलता है| इसलिए, पिछले 4 - 5 सालों में युवा खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा को निखारना शुरू कर दिया है| अब इन बड़े टूर्नामेंट्स में मौका मिलने से उनको एक अंदाजा भी लग जाता है कि वे किस स्थान पर खड़े हैं और देश को ऐसी प्रतिभा की अहमियत भी पता चलती है|

एक नज़र डालते हैं ऐसे ही कुछ खिलाड़ियों पर जिनकी प्रतिभा और हौसले ने न केवल भारत को बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया|

#1 रवि कुमार दहिया

रवि कुमार ने अपने पहले ही वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता कांस्य पदक

वर्ल्ड अंडर 23 चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने के बाद भी शायद कोई रवि कुमार को और उनके खेल को उतनी अहमियत नहीं दे पाया जितने के वह लायक थे| भारत में रेसलिंग का नाम आते ही, या तो सुशिल का नाम सबसे पहले आता है यह फिर साक्षी, बजरंग और फोगाट बहनों का, पर 2019 नूर सुल्तान वर्ल्ड चैम्पियनशिप में, रवि का जादू इस तरीके से चला कि बाकि सब फीके पड़ गए| जहाँ विनेश के आलावा हर दूसरी महिला रेसलर ने निराश किया तो वहीं पुरषों में बजरंग ने पिछली बार यानी 2018 के मुकाबले एक स्थान कम किया पर रवि ने, जिनसे शायद ही किसी ने कोई उम्मीद की थी, उन्होंने कांस्य पदक जीत कर न केवल हैरान किया बल्कि यकीन दिला दिया कि भारत में ऐसे कई छुपे रुस्तम हैं जिनको बस रौशनी मिलने की देरी है|

जानिए कैसे रवि ने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में छोड़ी अपनी छाप और जीता पदक

#2 मनीष कौषिक

वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मनीष कौषिक ने जीता कांस्य

एशियाई खेलों के विजेता, अमित पंघल पर पूरी देश कि निगाहें टिकी हुई थी और वह उस पर बखूबी खरे उतरे पर मनीष कौषिक के शानदार प्रदर्शन ने उनसे आने वाले समय के लिए और भी उम्मीदें बढ़ा दी| मनीष कौषिक ने अपने से कहीं ज़्यादा अनुभवी मुक्केबाज़ों को हरा कर सेमीफाइनल्स में जगह बनाई जहाँ वह क्यूबा के नंबर 1 सीड, एंडी क्रूज़ से हार गए| उनकी यह हार किसीको नहीं चुभी क्योंकि उनका प्रदर्शन पूरे टूर्नामेंट में लाजवाब था, ऐसे में उनसे कहीं ज़्यादा अनुभवी खिलाड़ी से हारना किसी को अखड़ा नहीं|

वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के सेमीफ़ाइनल में हारकर भी इस मुक्केबाज़ ने रचा इतिहास

#3 सनजीत कुमार

क्या आप जानते हैं प्रो कबड्डी इतिहास में सिर्फ़ 3 ऐसे डिफ़ेंडर हैं जिनके नाम है एक मैच में डबल हाई फ़ाइव ?

रोहतक के इस युवा ने इंडियन ओपन में गोल्ड जीता था और उसके बाद मानो इनकी किस्मत के ताले खुल गए हों| 91 kg में भाग लेने वाले, भारत से कुछ ही मुक्केबाज़ निकलते हैं और संजीत उन चंद मुक्केबाज़ों में से एक थे| उन्होंने रूस में हुए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप्स में नंबर 2 सीड बॉक्सर को हराकर क्वाटरफाइनल्स में जगह बना ली थी| वहां से भले ही वह आगे नहीं बढ़ पाएं हों पर उनकी प्रतिभा पर किसी को संदेह नहीं है|

आने वाले समय में पूरी उम्मीद है कि ये खिलाड़ी देश का नाम इसी तरह रोशन करते रहेंगे और एक दिन ऐसा लाएंगे जब भारत का भी नाम स्पोर्ट्स पॉवरहाउज़ के तौर पर जाना जाएगा।

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