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कुश्ती
मणिपुर के लोगों के ख़ून में ही है खेल !
पिछले कुछ सालों में मणिपुर ने हमारे देश को काफी ऐसे चहरे दिए हैं जो अंतर्राष्ट्रीय पैमाने पर देश का नाम रोशन करते हैं| मणिपुर ने हमें मैरी कॉम जैसा एक ऐसा हीरा दिया जिसने हर कदम पर देश को गौरवान्वित महसूस करवाया है| उनके नाम रिकॉर्ड है एक लौती ऐसी महिला होने का जिसने 6 बार लगातार वर्ल्ड एम्यॉचर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीत हासिल की है| उनका यह कॉन्ट्रिब्यूशन हम कभी नहीं भूल सकते हैं| मैरी कॉम अकेली ऐसी खिलाडी हैं जिन्होंने देश का नाम रोशन किया है| सरिता देवी और देवेंद्रो सिंह जैसे और भी खिलाड़ी हैं जो मणिपुर कि मिट्टी में जन्मे हैं और पुरे देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं| 2018 में मीराबाई चानू ने भारत को सबसे पहला गोल्ड दिलाया था| यहां तक कि फुटबॉल में भी आई सी एल जैसे टूर्नामेंट्स में भी मणिपुर के खिलाड़ी अपना जलवा दिखा चुके हैं| इस टूर्नामेंट में 27 ऐसे खिलाड़ी हैं जो मणिपुर से आते हैं| सौजन्य- डी डी न्यूज़ आखिर ऐसी क्या बात है मणिपुर की मिट्टी में की जो इतने प्रतिभागी खिलाड़ियों को जन्म देती है है? कुछ तो ऐसी बात होगी कि इतने छोटे से राज्य से अभी तक 18 अर्जुन अवार्ड जितने वाले खिलाड़ी आ चुके है| मणिपुर के 8 प्लेयर्स भारत के अंडर 17 में हैं और महिला फुटबॉल में मणिपुर से 13 खिलाड़ी हैं| सौजन्य- हिंदुस्तान टाइम्स ऐसा लगता है कि जैसे किसी दूसरे राज्य के लिए नाच और गाना है वैसे मणिपुर के लिए खेल है| सिर्फ यही इस बात को समझा सकता है कि एक ऐसा राज्य जहाँ जनसँख्या 28 लाख से भी कम है वहां के इतने ज़्यादा प्रतिशत लोग खेल-कूद में इतने सक्रिय हैं| यह सब भी तब हैं जब मणिपुर सुरक्षा कारणों के वजह से हमेशा कटघरे में रहता है| वहां के लोगों के अंदर जो खेल के प्रति प्यार है और देश के लिए जूनून है वह उनके कारनामों से साफ झलकता है|
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