मुक्केबाजी
ओलंपिक में पदक जीतना लक्ष्य - गौरव बिधुड़ी
भारत में बाक्सिंग के बारे में बात करें तो बीतें कुछ सालों में इस खेल में काफी बदलाव देखने को मिले हैं। पहले हम विजेंदर ,अखिल कुमार या मोहम्मद अली कमार जैसे कुछ खिलाड़ियों के बारे में जानते थे। लेकिन बीतें कुछ सालों में गौरव बिधुड़ी जैसे युवा खिलाड़ियों ने जिस तरह का परचम लहराया वो काबिल-ए-तारीफ है। टोक्यो ओलंपिक में ज्यादा दूर नहीं है ऐसे में सभी की आस गौरव जैसे दिग्गज खिलाड़ियों पर है। द ब्रिज के साथ खास बातचीत में इस युवा बाक्सर ने दिल खोल के हर मुद्दे पर बेबाकी से बात रखी। आइए विस्तार में जानते हैं उस खिलाड़ी के बारे में जिसने अर्श से लेकर फर्श तक का सफर तय किया।
1)ओलंपिक को लेकर किस तरह की तैयारियां चल रही हैं?
गौरव बिधुड़ी: एशियन गेम्स और राष्ट्रमंडल खेलों में पीठ में चोट के वजह से मुझे एक साल तक रिंग से बाहर रहना पड़ा था। लेकिन हाल ही में मैंने विश्व चैंपिंयनशिप में कांस्य पदक जीता है और उम्मीद रहेगी की ये लय बरकरार रखते हुए फरवरी में होने वाले ओलंपिक क्वालीफाइंग प्रतियोगिता से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करूं और साथ ही मेडल जीतना लक्ष्य रहेगा।
2) हर खिलाड़ी के लिए कोई प्रेरणाश्रोत रहता है तो आपने किसे दिखकर बॅाक्सिंग को बतौर करियर चुनना चाहा?
गौरव बिधुड़ी: मेरे पिताजी मेरे प्रेरणाश्रोत हैं। वो भी एक बॅाक्सर थे। हालांकि उनका करियर कुछ ज्यादा बड़ा नहीं रहा लेकिन जितने साल भी खेलें उन्होंने टॅाप खिलाड़ियों को मात दी। ओलंपिक में खेलना उनका सपना था लेकिन परिवार में व्यस्त होने के कारण कुछ ऐसा कर नहीं पाए। आज वो अपनी बॅाक्सिंग कल्ब चला रहा हैं। जहां मेरे जैसे कई खिलाड़ियों को सपने को एक नई उम्मीद दे रहे हैं।
3) बीजिंग ओलंपिक में विशेषकर पुरूष बॅाक्सिंग के बारे में बात करें तो कोई खिलाड़ी उस तरह उभरकर सामने नहीं आ पाया उसको लेकर क्या कहना चाहेंगे?
गौरव बिधुड़ी: सबसे बड़ी वजह थी भारतीय बॅाक्सिंग संघ पर 4 साल का प्रतिबंध रहा जिसकी वजह से खिलाड़ी या कोई कोच विदेश दौरे पर नहीं जा पा रहा था लेकिन जैसी ही अजय सिंह की निगरानी वाली भारतीय बॅाक्सिंग संघ को मान्यता मिली और वो जिस तरह से काम कर रही है वो काबिल-ए-तारीफ है। इस फेडरेशन की सबसे खासा बात ये
रही कि ये खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा एक्सपोजर टूर करा रही है। जिसका सीधा फायदा आपको खिलाड़ियों के प्रदर्शन में दिख रहा होगा। साथ ही पेशेवर लीग की शुरूआत होना ये अपने आप में दर्शाता है कि भारतीय बॅाक्सिंग का भविष्य कितना उज्जवल है।
4) बिग बाउट लीग भारतीय बाक्सिंग को किस तरह से बदलेगी?
गौरव बिधुड़ी: बिग बाउट लीग के आने से भारत में बाक्सिंग को एक नई परिभाषा मिलेगी। साथ ही इस खेल की तरफ लोगों का रूझान भी बढ़ेगा। क्योंकि इस तरह की लीग से खिलाड़ी को धन राशि जैसी अनेक सहायता मिलेगी। जिस तरह से आईपील के वजह से क्रिकेट का नक्शा बदल गया उसी तरह बाक्सिंग लीग से इस खेल का भविष्य बदल जाएगा।