मुक्केबाजी
खिलाड़ियों को सख्त सजा ही डोपिंग से बचा सकती है-अखिल कुमार
हाल ही में निशानेबाजी विश्व कप में पदक जीत चुके रवि कुमार पर दो साल का प्रतिबंध लगा है। इसके अलावा बॉक्सर सुमित सांगवान भी डोप टेस्ट में फेल हो गये हैं। भारत के कई एथलीट डोपिंग में पॉजिटिव पाये गये हैं। इसको लेकर पूर्व भारतीय मुक्केबाज अखिल कुमार का मानना है कि खिलाड़ियों को सख्त सजा ही उन्हें डोपिंग से बचा सकती है।
ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके अखिल ने कहा, "साई के अधिकारी हमेशा एथलीटों को सूचित करते हैं और इसके लिए सरकार की जागरूकता फैलाने की योजना है। कोच को भी इसके बारे में सिखाया जाता है और कोच भी अपने छात्रों को जानकारी दे रहे हैं। सभी को पता है, लेकिन वे डोपिंग में पकड़े जाने के बाद बहाने बनाते हैं।"
एथलीटों के साथ योग्य डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं वह फिर भी गलती से प्रतिबंधित दवाओं के सेवन की बात करते हैं। इसको लेकर अखिल ने कहा, "मैं अक्सर मुक्केबाजों और एथलीटों को देखता हूं कि वे सोशल नेटवर्किंग साइटों का उपयोग कर रहे हैं। इसलिए वे जो दवा ले रहे हैं, उसके बारे में वे गूगल से जान सकते हैं। टीम के साथ योग्य डॉक्टर और फिजियो भी हैं, जिनसे वह आसानी से इस बारे में सलाह ले सकते हैं।"
कॉमनवेल्थ खेलों के पदक विजेता अखिल ने आगे कहा, "डॉक्टर से यह पूछना बहुत आसान है कि मैं एक एथलीट हूं। कृपया देखें कि दवा में कोई स्टेरॉइड नहीं है, इसलिए डॉक्टर इसका ध्यान रखेगा। लेकिन आपको सूचित करना होगा। यह इसीलिए हो रहा है क्योंकी वह नाम और प्रसिद्धि जल्दी चाहते हैं। आप एथलीटों के रोल मॉडल बनने जा रहे हैं और यदि आप ऐसी सभी चीजें करेंगे तो आप किस रूप में जाने जाएंगे।"
अर्जुन अवार्डी अखिल ने कहा कि नाडा को इस समय-समय पर जागरूक कार्यक्रम चलाने चाहिए। उन्होंने कहा,"इसी तरह, अगर आपने कुछ भी गलत किया है, तो आपको सजा का सामना करना पड़ता है। आखिरकार कोच को शिक्षित होना पड़ता है और एथलीटों के लिए भी नाडा से समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम होना चाहिए ताकि सभी शिक्षित होंगे।"