मुक्केबाजी
मैरी कॉम ने बनाई ओलंपिक्स में जगह तो वही मनीष कौशिक को करना पड़ा हार का सामना
छह बार की विश्व चैम्पियन एम सी मेरीकोम (51 किग्रा) और दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किग्रा) ने सेमीफाइनल में पहुंचकर टोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया जबकि मनीष कौशिक (63 किग्रा) सोमवार को यहां एशिया/ओसनिया क्वालीफायर में क्वार्टर फाइनल बाउट में हारने के बावजूद तोक्यो टिकट कटाने की दौड़ में बने हुए हैं।
दूसरी वरीय मैरी कॉम ने क्वार्टर फाइनल में फिलीपींस की आयरिश मैग्नो पर 5-0 की आसान जीत से दूसरी बार ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया। मेरीकोम ने 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल किया था जब महिला मुक्केबाजी को पहली बार इस महासमर में शामिल किया गया था। अब 37 साल की इस अनुभवी मुक्केबाज का सामना सेमीफाइनल में चीन की युआन चांग से होगा जो पूर्व युवा ओलंपिक चैम्पियन हैं।
इससे पहले विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदकधारी और शीर्ष वरीय भारतीय मुक्केबाज पंघाल ने पहली बार ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया। मौजूदा एशियाई और एशियाई चैम्पियनशिप स्वर्ण पदकधारी पंघाल ने क्वार्टर फाइनल में फिलीपींस के कार्लो पालाम को 4-1 से शिकस्त दी और सेमीफाइनल में स्थान सुनिश्चित किया। पंघाल ने मुकाबले के बाद कहा, ''मैं अपना ओलंपिक कोटा अपने अंकल राज नारायण को समर्पित करना चाहता हूं, उनका आज जन्मदिन है और वो मेरा काफी उत्साह बढ़ाते हैं। ''
वहीं विश्व कांस्य पदक विजेता कौशिक क्वार्टर फाइनल में मंगोलिया के तीसरे वरीय चिंगजोरिग बातारसुख से 2-3 से हार गये। कौशिक ओलंपिक कोटा हासिल करने की दौड़ में बने हुए हैं, लेकिन इसके लिये उन्हें क्वार्टर फाइनल में हारने वाले मुक्केबाज से बाक्स-ऑफ में जीतना होगा क्योंकि 63 किग्रा वर्ग से शीर्ष छह मुक्केबाज तोक्यो ओलंपिक का टिकट कटायेंगे। कौशिक बाक्स-ऑफ में आस्ट्रेलिया के राष्ट्रमंडल खेलों के चैम्पियन हैरिसन गारसाइड से भिड़ेंगे जिनसे वह 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में भिड़े थे और हार गये थे। तेईस साल के पंघाल 2018 एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में और 2019 विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पलाम को हरा चुके हैं। उन्होंने कहा, ''मैंने कोचों के निर्देशों का पालन किया। मैंने सुनिश्चित किया कि वह मुझ पर हावी नहीं हो। मुझे लगता है कि मैं तीनों दौर में काफी निरंतर रहा। '' अब सेमीफाइनल में पंघाल का सामना चीन के जियांगुआन हु से होगा जिन्होंने विश्व कांस्य पदक विजेता और चौथे वरीय कजाखस्तान के साकेन बिबोसिनोव को 5-0 से मात दी। पंघाल ने कहा, ''मैंने उसे एशियाई चैम्पियनशिप में हराया था और मैं जानता हूं कि उस पर कैसे हावी हुआ जाये। '' हालांकि पूर्व जूनियर विश्व चैम्पियन साक्षी चौधरी (57 किग्रा) ओलंपिक कोटा हासिल करने में असफल रहीं।
उन्हें क्वार्टर फाइनल में कोरिया की इम आएजी से हार का सामना करना पड़ा। उन्नीस साल की साक्षी पूर्व विश्व युवा चैम्पियन से 0-5 से हार गयी। इस टूर्नामेंट में 57 किग्रा महिला वर्ग में केवल सेमीफाइनल में पहुंचने वाली मुक्केबाज ही ओलंपिक स्थान हासिल करेगी। अब साक्षी को ओलंपिक में क्वालीफाई करने का अगला मौका मई में विश्व क्वालीफायर में मिलेगा, बशर्ते उन्हें इसके लिये चुना जाये।