मुक्केबाजी
भारत के पास इस समय अच्छे मुक्केबाजों का शानदार पूल है- विजेंदर सिंह
2008 बीजिंग ओलपिंक में विजेंदर सिंह ने कांस्य पदक जीतकर भारत में मुक्केबाजी को नए आयाम प्रदान किया था। यह विजेंदर का कमाल था जो देश के युवा अब मुक्केबाजी में अपना करियर देख रहे थे। उसके बाद कई मुक्केबाज उभर कर सामने आए लेकिन जैसा प्रभाव विजेंदर ने डाला वो कोई नहीं कर सका। विजेंदर ना सिर्फ अपने खेल से युवाओं के उपर असर डालते है बल्कि उनका आकर्षक व्यक्तित्व लोगों को उनकी और खींचता है।
विजेंदर अब प्रोफेशनल मुक्केबाजी में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। हाल ही में उन्होंने दो बार के कॉमनवेल्थ सुपर मिडलवेट चैंपियन चार्ल्स एदामु को प्रोफेशनल फाइट में हरा दिया। इस तरह से उनका अभी तक इस करियर में अजेय का सफर जारी है और जिस तरह से वो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। उसको देखकर लगता है कि आने वाले समय में विजेंदर को हराना भी काफी मुश्किल है।
द ब्रिज की टीम ने ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह से खास बातचीत की। इस बातचीत में द ब्रिज की टीम ने उनसे कई मुद्दों पर बातचीत की। इसमें उन्होने ज्वाला गुट्टा की तरफ से हाल ही में देश भर में खोले गए अकादमी के उपर अपनी राय रखी। उन्होंने बताया कि अकादमी खुलना उनके अपने शहर तक में किस तरह का असला डालेगा।
द ब्रिज- आपको लगता है नए अकादमी आने से खिलाड़ियों को कितना फायदा मिलता है?
विजेंदर सिंह: मैं भिवानी से आता हूं जहां पर 7 से 8 बॅाक्सिंग अकादमी हैं। इन सभी प्रशिक्षण केंद्र में हमेशा टक्कर का मुकाबला देखने को मिलता है। जिस वजह से खिलाड़ियों को दिक्कत हो जाती है कि वो कहा पर अपना दाखिला लें। इसलिए जितनी अकादमी ज्यादा होंगी उतने मेडल आने के मौके बढ़ जाएंगे।
द ब्रिज- सुनील शेट्टी को नाडा ने ब्रांड एबेस्डर बनाया है उसको लेकर आप क्या कहना चाहेंगे?
विजेंदर सिंह: अभिनव बिंद्रा ,सुशील कुमार या किसी बड़े खिलाड़ी को इस पद के लिए चुनते तो अच्छा होता लेकिन कोई बात नहीं सुनील पाजी भी फिटनेस फ्रिक हैं उनके आने से उम्मीद करता हूं डोप के जितने मामले बढ़ रहे हैं उसपर कमी आएगी। वैसे नाडा का भी ब्रांड एबेस्डर होता है ये मैं पहली बार सुन रहा हूं।
द ब्रिज- भारत में बॅाक्सिंग का भविष्य आप किस तरह से देख रहे हैं?
विजेंदर सिंह: भारत में बॅाक्सिंग का भविष्य काफी उज्जवल है। अमित पंघाल, मनीष कौशिक और भी अन्य खिलाड़ी जिस तरह से विश्व स्तर पर अपना दम-खम दिखा रहे हैं इससे काफी खुशी मिलती है कि भारत के पास भी अच्छे बॅाक्सरों का काफी अच्छा पूल है।
द ब्रिज- प्रोफेशनल बॅाक्सर को ओलंपिक में मौके देने को लेकर आप क्या कहना चाहेंगे?
विजेंदर सिंह: अच्छी बात है पेशेवर बॅाक्सर को भी ओलंपिक में खेलने का मौका मिल रहा है। मुझे अगर मौका मिलता है तो मैं भी खेलना चाहूंगा लेकिन इसको लेकर जो कुछ शर्त है वो मुझे मंजूर नहीं है कि 2 महीने कैंप में रहो फिर चयन के लिए मुकाबला खेलो। मैं ये सब पहला कर चुका हूं। आप चयन के लिए जो मुकाबला है उसको बुलाओ अगर क्वालीफाई करता हूं तो ठीक नहीं तो कोई बात नहीं।
द ब्रिज- ओलंपिक में खेलने को लेकर भारतीय बॅाक्सिंग संघ से आपने कुछ बात की है?
विजेंदर सिंह: देखिए वो मुझे तंग नहीं करते मैं उन्हें तंग नहीं करता 10-15 साल से मैं खेल रहा हूं अगर अब भी मुझे फेडरेशन से जाकर बात करना होगा तो वो सही नहीं होगा।