मुक्केबाजी
अपना दिन होने पर कोई भी कमाल कर सकता है- पिंकी जांगड़ा
हाल ही में नेपाल के काठमांडु में हुए साउथ एशियन खेलों में हरियाणा के हिसार की बेटी पिंकी जांगड़ा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। देश की सर्वश्रेष्ठ 100 महिलाओं में चुनी जा चुकी, राष्ट्रपति से सम्मानित हिसार की बेटी पिंकी जांगड़ा ने अपने प्रदर्शन से हर दिन अपने आपको साबित किया है कि वह सबसे बेस्ट हैं। पिंकी के करियर में चोट ने उनका काफी समय बर्बाद किया। लेकिन पिंकी की कड़ी मेहनत और उनका आत्मविश्वास ही था जिसने उन्हें घुटने की चोट के बाद रिंग में वापसी करने के लिए साहस दिया। पिंकी ने वापसी करते हुए कमाल कर दिखाया और रिंग में पदक जीतकर अपने आपको साबित किया। रिंग में ज्वांइट किलर के नाम से मशहूर पिंकी जांगड़ा से द ब्रिज की टीम ने खास बातचीत की। इस बातचीत में उनसे साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल के साथ ओलंपिक क्वालीफायर्स के उपर भी बातचीत की गई।
द ब्रिज- साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर कैसा लग रहा है?
पिंकी जांगड़ा: बहुत अच्छा लग रहा है साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर। हमारे 6 बॅाक्सर गए थे इस प्रतियोगिता में जिसमें 5 ने स्वर्ण तो वहीं एक खिलाड़ी को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। इस टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन के वजह से सभी खिलाड़ियों के अंदर एक अलग लेवल का आत्मविश्वास बढ़ा है।
जाहिर है पिंकी का मानना है कि साउथ एशियन खेलों में जैसा टीम ने प्रदर्शन किया उससे खिलाड़ियों के अंदर एक अलग तरह का आत्मविश्वास जरूर बना होगा।
द ब्रिज- साउथ एशिन गेम्स में अगर ईस्ट एशिया की टीम को लाया जाता तो भारत इतने सारे पदक के साथ नहीं लौटता?
पिंकी जांगड़ा: इस बार जो टीम गई थी उसमें अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का मिश्रण था। मैं हो गई औऱ सोनिया लाथर जो भारत के लिए काफी समय तक खेलती आ रही हैं। साथ ही कुछ युवा खिलाड़ी। पिछले बार जो साउथ एशियन गेम्स हुआ था। उसमें उतना टक्कर देखने को नहीं मिला लेकिन इस बार टूर्नामेंट थोड़ा लंबा था साथ ही नेपाल और श्रीलंका जैसी टीम से काफी अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला।
साउथ एशियन खेलों में इस बार कड़ी प्रतियोगिता देखने को नहीं मिली। भारतीय टीम ने हर विभाग में अपने आपको अव्वल साबित करते हुए पदक जीते। इसके साथ ही जो टीम इस बार लड़ी उसमें अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का मिश्रण था जो भारत के लिए भविष्य में काफी अच्छा रहने वाला है।
द ब्रिज- ओलंपिक क्वालीफाइर्स होने वाले है उसमे कौन सी टीम भारत को कड़ी टक्कर दे सकती है?
पिंकी जांगड़ा: फरवरी में जो ओलंपिक क्वालीफाइर्स होने वाले है उसमें एशिया की कुछ टीमों के साथ ही आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से भी मुकाबला खेलना होगा। आज के समय में किसी भी टीम को आप कम में नहीं आंक सकते। कोई भी टीम अपने दिन के हिसाब से किसी को भी निराश कर सकती है।
ओलंपिक क्वालीफायर्स में भारत के लिए मुकाबला आसान नहीं रहने वाला है। इसमें एशिया की टीमों के साथ कई और टीमें भारत के लिए खतरा बनेगी। पिंकी का मानना है कि किसी भी टीमो को कम नहीं आंका जा सकता।
द ब्रिज- मैरी कॅाम और निकहत जरीन के ट्रॅायल के बारे में आप क्या कहना चाहेंगी?
पिंकी जांगड़ा: किसी भी खिलाड़ी के लिए ट्रॅायल अनिवार्य रखना चाहिए भले ही वो कितना भी बड़ा शख्स क्यों ना हो । मेरी उम्मीद रहेगी को वो 2012 के तरह इस बार भी भारत को ओलंपिक में मेडल दिलाएं।
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बॉक्सर एमसी मैरीकॉम ने निखत जरीन को टोक्यो ओलिंपिक क्वालिफायर के लिए 51 किलोग्राम भार वर्ग में ट्रायल मुकाबले में 9-1 से हरा दिया। मैरीकॉम इस साल वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीती थीं। उन्हें इसी के आधार पर ओलिंपिक क्वॉलिफायर्स में भेजने की बात चल रही थी। हालांकि, नियमों के मुताबिक वर्ल्ड चैम्पियनशिप में स्वर्ण या रजत पदक जीतने वाले बॉक्सर को ही ओलिंपिक क्वालिफायर में सीधे एंट्री मिलती है। अन्य सभी को ट्रायल मैच खेलना होता है। निखत ने नियमों का हवाला देकर मैरीकॉम से मुकाबले की बात कही थी। लेकिन यहां मैरीकॉम ने जीत हासिल की। वैसे पिंकी जांगड़ा का भी मैरीकॉम के साथ रिंग में काफी तगड़ी प्रतियोगिता रही है। पिंकी साल 2009 में जयपुर में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप में मैरीकॉम को हराकर सुर्खियों में आई थी। इसके अलावा साल 2014 में पटियाला में मैरीकॉम को पराजित कर कॉमनवेल्थ का टिकट पक्का किया था।