बास्केटबॉल
तीन साल तक बिस्तर पर रहने के बाद 37 साल के इस बास्केटबॉल खिलाड़ी ने की वापसी, पत्नी ने दी फिर से जीने की हिम्मत
2012 में जगदीप को ऐसी चोट लगी कि वह तीन साल तक बिस्तर से उठ नहीं सके। यहां तक कि उन्होंने आत्महत्या करने की भी कोशिश की थी।

हमने अक्सर सुना हैं कि अगर पुरे मन से कुछ करने की ठान लो तो आपको सफलता जरूर मिलेगी। इसी बात को सच किया है भारतीय बास्केटबॉल के पूर्व कप्तान जगदीप सिंह ने बैंस ने। जगदीप एलीट प्रो बास्केटबॉल लीग में खेलते दिखेंगे। लेकिन जगदीप के लिए यहां तक का सफर कुछ आसान नहीं रहा हैं। दरअसल, 2012 में जगदीप को ऐसी चोट लगी कि वह तीन साल तक बिस्तर से उठ नहीं सके। यहां तक कि उन्होंने आत्महत्या करने की भी कोशिश की थी।
इतने लम्बे समय तक बिस्तर पर रहने के बाद जगदीप ने फिर से खेलने की उम्मीद पूरी तरह से छोड़ दी थी, इस बीच उनकी पत्नी ने उन्हें हौसला दिया और इसी हौसले के दम पर जगदीप फिर से उठे और खेलने के लिए तैयार हुए।
37 साल की उम्र में वापसी करने वाले जगदीप बाकी खिलाड़ियों के लिए मिशाल बन गए है। जगदीप एलीट प्रो बास्केटबॉल लीग में मुंबई स्टार्स के लिए खेलेंगे।
वापसी के बाद जगदीप ने कहा, "यह मेरे जीवन का सबसे बुरा दौर था, मैं लगभग बेहोशी की हालत में था, मुश्किल से चल पा रहा था। दर्द इतना था कि मैं इसे सहन नहीं कर सकता था। मेरा रोने का मन हो रहा था। मैंने लगभग आत्महत्या के बारे में सोचा था क्योंकि मैं उस तरह जीना नहीं चाहता था। मैंने हाल ही में तब शादी की थी और यह मेरी पत्नी थी, जिसने मुझे ताकत दी और वह एकमात्र कारण था जिसके कारण मैंने आत्महत्या नहीं की। मैं न केवल अपने जीवन बल्कि सब कुछ के लिए उसका आभारी हूं।"
जगदीप भारतीय महासंघ से काफी नाराज़ हैं। नाराज़गी जताते हुए उन्होंने कहा, "आर्थिक मदद तो दूर महासंघ ने मुझे फोन करने और यह पूछने की भी जहमत नहीं उठाई कि मैं कैसा था। मैं इस बात से बहुत नाराज था कि मैंने इस देश के लिए अपना सब कुछ दे दिया और मेरे सबसे बुरे समय में महासंघ ने अपना समर्थन वापस ले लिया।"
एलीट प्रो बास्केटबॉल लीग में खेलने के लिए तैयार बैंस ने कहा, "भारत को ऐसी लीगों की जरूरत है ताकि लोग बास्केटबॉल को करियर विकल्प के रूप में देख सकें और देश में इस खेल को बढ़ावा दे सकें।"
बास्केटबॉल लीग को बढ़ावा देने को लेकर बैंस ने कहा, "हमने देखा है कि आईपीएल ने क्रिकेट के लिए क्या किया है। हमें देश में इसी तरह की लीग की जरूरत है। श्रीलंका, मालदीव और बांग्लादेश जैसे अन्य देशों में पहले से ही पेशेवर लीग हैं और हमें भी युवाओं के लिए इस तरह के प्लेटफॉर्म की जरूरत है। पेशेवर लीग में, खिलाड़ियों को अच्छा भुगतान किया जाता है, और उनके आहार, चिकित्सा सहायता, चोट प्रबंधन के मामले में अच्छी तरह से देखभाल की जाती है, जो खिलाड़ियों को और प्रेरित करती है।"
बता दें जगदीप बैंस ने एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और कई एशियाई चैंपियनशिप सहित 20 से अधिक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लिया हैं।