बैडमिंटन
राष्ट्रमंडल खेलों के साथ-साथ, पेरिस ओलंपिक में भी स्वर्ण जीतना चाहती हूँ - पीवी सिंधु
सिंधु ने पिछले दो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत और कांस्य पदक जीता था। लेकिन इस बार उनका निशाना स्वर्ण पर है

पीवी सिंधु
पीवी सिंधु भारत की बैडमिंटन स्टार प्लेयर, दो बार ओलंपिक पदक विजेता। लेकिन हर खिलाड़ी की चाह और जीतने की होती है। पीवी सिंधु भी यही चाहती हैं।
अब पीवी सिंधु चाहती हैं कि राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीते और इसके बाद उनका लक्ष्य विश्व चैंपियनशिप और पेरिस ओलंपिक 2024 मैं भारत को स्वर्ण दिलाना है।
सिंधु ने पिछले दो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत और कांस्य पदक जीता था। लेकिन इस बार उनका निशाना स्वर्ण पर है। इसके बाद बैडमिंटन प्लेयर सिंधु 22 अगस्त के लिए टोक्यो में विश्व चैंपियनशिप खेलने जाएँगी और पीवी सिंधु की कोशिश रहेगी खिताब रिटेन कर सकें।
पी वी सिंधु ने अपनी सफलता का राज लगातार सीखते रहना बताया। पीवी सिंधु ने कहा, यहाँ तक कि मुझे भी बहुत अधिक अभ्यास की जरूरत पड़ती है। मुझे भी हर दिन अपने स्ट्रोक पर ध्यान देना पड़ता है। मैं ऐसा नहीं सोच सकती कि मैंने पदक जीता है और अच्छा प्रदर्शन किया है। यह मायने नहीं रखता। यह अतीत की बातें हैं। आपको हर दिन कुछ नयी सीख लेनी पड़ती है। यह प्रक्रिया सतत चलती रहती है।
सिंधु ने बताया की अंतिम लक्ष्य पेरिस ओलंपिक में गोल्ड जीतना है। लेकिन, अभी के लिए राष्ट्रमंडल खेल और विश्व चैंपियनशिप मेरा प्रमुख लक्ष्य है।
हालांकि सिंधु को पिछले कुछ समय में चाइना ताइपे की विश्व नंबर दो खिलाड़ी से हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन पीवी सिंधु का कहना है कि ऐसा नहीं है, कि मैं उन्हें हरा नहीं सकती। प्रत्येक मैच मायने रखता है। यह उस दिन के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। प्रत्येक खिलाड़ी की खेल की अपनी शैली होती है। आपको उसी हिसाब से अपनी रणनीति तय करनी होती है क्योंकि जैसे मैंने पहले कहा था कि उस दिन के प्रदर्शन पर काफी कुछ निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि ऐसा कई बार हुआ है जबकि वरीयता प्राप्त खिलाड़ी पहले दौर में बाहर हो गई इसलिए यह काफी हद तक कोर्ट की परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है।
इस समय पी वी सिंधु राष्ट्रमंडल खेलों के लिए बर्मिंघम गई हुई हैं। पूरे देश को उम्मीद है कि पी वी सिंधु यहाँ पदक ज़रूर जीते।