बैडमिंटन
थाॅमस कप विजेता टीम के खिलाड़ी प्रियांशु राजावत पहुंचे अपने गृहनगर धार, पूरे धार में धूमधाम से उनका स्वागत
प्रियांशु राजावत को जीप में सवार कर पूरे शहर मे एक रैली निकाली गई
पिछले दिनों भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने थाॅमस कप जीतकर इतिहास रचा था। भारत ने 73 साल के इतिहास में पहली बार थाॅमस कप जीतकर इतिहास रचा था। भारत की इस जीत पर देश के सभी लोगों ने टीम में शामिल सभी खिलाड़ियों को जीत की बधाई दी थी। भारत की इस ऐतहासिक जीत में सभी खिलाड़ियों ने बड़ी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब सभी खिलाड़ी एक बार फिर अपने घर पहुंच रहे हैं। जहां सभी खिलाड़ियों का स्वागत बड़े ही धूमधाम से किया जा रहा है।
कुछ ऐसा ही धूमधाम के साथ स्वागत धार के रहने वाले प्रियांशु राजावत का किया जा रहा है। प्रियांशु भी थाॅमस कप की विजेता टीम में शामिल थे। उनके धार पहुंचने पर धार के लोगों ने बड़ा ही जोरदार तरीके से उनका स्वागत किया। जहां सबसे पहले भारतीय खेल प्राधिकरण में उनका फूलमालाओं से स्वागत किया गया। उसके बाद प्रियांशु राजावत को वहां से जीप में सवार कर पूरे शहर मे एक रैली निकाली गई। जगह जगह शहर के प्रमुख चौराहों पर खेलप्रेमी लोगों ने प्रियांशु का फूलमालाओं से स्वागत किया। इस दौरान प्रियांशु के साथ उनके बैडमिंटन के कोच सुधीर वर्मा सहित अन्य परिजन भी मौजूद थे।
थाॅमस कप विजेता टीम का दिल्ली पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी स्वागत करते हुए सभी खिलाड़ियों को बधाई दी थी। प्रियांशु का कहना है खुद प्रधानमंत्री ने उन्हें भी बधाई दी। इससे आगे भी ओर उत्साह से अच्छा खेलने की प्रेरणा मिली है। पहली बार प्रतिष्ठित थॉमस कप का खिताब जीतकर भारत ने इतिहास रचा है. भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने थॉमस कप के फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से हराया।
इसके अलावा केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की। अनुराग ठाकुर ने बयान में कहा, 'मलेशिया, डेनमार्क और इंडोनेशिया के खिलाफ प्लेऑफ में लगातार मुकाबले जीत की भारत की असाधारण उपलब्धि नियमों में छूट की हकदार है। मैं गर्व के साथ उस टीम को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा करता हूं, जिसने भारतीयों को इस सप्ताहांत खुशी के पल दिए.' अनुराग ठाकुर ने इस एतिहासिक जीत के लिए भारतीय टीम के खिलाड़ियों, कोच और सहयोगी स्टाफ को बधाई दी।