बैडमिंटन
सारी दिक्कतों को पीछे छोड़ राष्ट्रमंडल खेलों तक सुमीत रेड्डी ने पूरा किया अपना सफर, डॉक्टरों ने बैडमिंटन छोड़ने की दी थी सलाह
भारतीय खिलाड़ी सुमीत रेड्डी डबल्स में खेलते आए है और अब 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में अपना प्रदर्शन दिखाते हुए नजर आयेंगे।
हम हमेशा से सुनते आए है की जहां चाह होती वहां राह अपने आप बन जाती हैं। इसी कहावत को सच करा है युवा भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बी सुमीत रेड्डी ने। भारतीय खिलाड़ी सुमीत डबल्स में खेलते आए है और अब 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में अपना प्रदर्शन दिखाते हुए नजर आयेंगे।
पर राष्ट्रमंडल खेलों तक सुमीत का सफ़र आसान नहीं था, सुमित जब अपने करियर के शुरुआती दौर में थे तो उनकी रीढ की हड्डी में किसी बीमारी के कारण तीन सप्ताह तक बिस्तर पर रहना पड़ा था, डॉक्टरों ने उनकी सेहत को देखते हुए उन्हें बैडमिंटन छोड़ने के लिये कहा था। लेकिन सुमीत का पूरा ध्यान कोर्ट पर वापसी करने का था। उन्होंने रहैबिलिटेशन के लिये फिजियोथेरेपी की और अपने दम पर वापसी की
सुमीत ने पीटीआई से बातचीत में कहा,''यह 2010-2011 की बात है। मैं एकल वर्ग में भारत के शीर्ष पांच खिलाड़ियों में था, एक दिन मेरी कमर में तकलीफ हुई और पता चला की मेरूदंड की हड्डियों में 'एयर बबल गैप' आ गए हैं । मुझे खेल छोड़ने के लिये कहा गया था।''
उन्होंने कहा,"मैने दस डॉक्टरों से राय ली लेकिन कोई मुझे हल नहीं दे सका। मैं 20 दिन तक बिस्तर पर था। शरीर के निचले हिस्से में लकवा मारने का डर था लेकिन मैं हार नहीं मानने वाला था।"
इस दौरान सुमीत को आनलाइन नफरत, फाउंडेशन या प्रायोजकों से सहयोग का अभाव और वित्तीय परेशानियों को सामना करना पड़ा।
फिलहाल 28 जुलाई से शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए सुमीत एकदम तैयार हैं। उन्होंने कहा,"मेरी और अश्विनी की टाइमिंग अच्छी है। हम खेलने को बेताब हैं, यह कठिन टूर्नामेंट होगा लेकिन मैच के दिन रैंकिंग मायने नहीं रखती। हमें दबाव का डटकर सामना करना होगा।''