बैडमिंटन
थॉमस कप में ऐतिहासिक सफलता के बाद गोपीचंद को राष्ट्रमंडल खेलों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद
राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष एकल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वालों में प्रकाश पादुकोण (1978) और सैयद मोदी (1982) और पारुपल्ली कश्यप (2014) शामिल है
भारतीय बैडमिंटन टीम के राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद को भरोसा है की 28 जुलाई से शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय टीम बेहतरीन प्रदर्शन करेगी। गोपीचंद को उम्मीद है की, थॉमस कप में ऐतिहासिक सफलता के बाद भारतीय टीम आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष एकल में स्वर्ण पदक जीतने और युगल स्पर्धा में अपने रिकॉर्ड को बेहतर बनाने में सक्षम होगी।
गोपीचंद ने कहा, "एक टीम के तौर पर वैश्विक प्रतियोगिता में यह प्रदर्शन काफी मायने रखता है। हमने इससे पहले खासकर पुरुष वर्ग में इस तरह का प्रदर्शन नहीं किया है।''
उन्होंने कहा, "यह बहुत बड़ी बात है, सामान्य तौर पर टीम ने थॉमस कप में जिस तरह का प्रदर्शन किया है उससे खिलाड़ी उत्साहित और बहुत आशान्वित है। मुझे उम्मीद है कि हम पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करेंगे। पिछली बार हमने दो स्वर्ण पदक जीते, क्या हम उससे बेहतर कर सकते हैं? लेकिन थॉमस कप को देखते हुए, मुझे यकीन है कि हमारे पास पुरुष एकल और युगल में अपने रिकॉर्ड को बेहतर बनाने का मौका होगा।''
बता दें राष्ट्रमंडल खेलों के 2018 सत्र में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने दो स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य सहित एक अभूतपूर्व छह पदक जीते थे। किदांबी श्रीकांत और चिराग शेट्टी एवं सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी की जोड़ी गोल्ड कोस्ट में दूसरे स्थान पर रही थी। गोपीचंद को लगता है कि मई में थॉमस कप में भारत की शानदार जीत के बाद वे इस बार स्वर्ण जीत सकते हैं।
राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष एकल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वालों में प्रकाश पादुकोण (1978) और सैयद मोदी (1982) और पारुपल्ली कश्यप (2014) शामिल है, वहीं चिराग एवं सात्विक ने 2018 में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा था।
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू को शुक्रवार को मलेशिया ओपन में चीनी ताइपे की ताई जू यिंग से लगातार छठी हार का सामना करना पड़ा। दोनों खिलाड़ियों के बीच 16 मैचों में सिंधू की यह 11वीं हार थी। इस पर गोपीचंद ने कहा कि सिंधू के कोच पार्क ताए संग के साथ बात कर के समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा, "हम निश्चित रूप से इस पर काम करेंगे, वह एक बहुत अच्छी खिलाड़ी है, और ताई जू भी उतनी ही अच्छी है। हम उसी के अनुसार योजना बनाएंगे ताकि वह निकट भविष्य में उसे हराने में सफल रहे।" उन्होंने कहा, "हम कोच पार्क से बात करेंगे और पता लगाएंगे कि क्या समस्याएं हैं। वह वर्षों से एक मजबूत खिलाड़ी है, वह अनुभवी है। मुझे यकीन है कि वह कुछ हफ्तों में जोरदार वापसी करेगी।''
गौरतलब है की गोपीचंद की बेटी गायत्री बर्मिंघम में त्रिसा जॉली के साथ जोड़ी बनाकर महिला युगल में राष्ट्रमंडल खेलों में पदार्पण करेंगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह ' पिता' के रूप में 'नर्वस' हैं, गोपीचंद ने कहा, ''हर खिलाड़ी का विकास चक्र होता है, हर खिलाड़ी का सीखने का स्तर होता है, कोई धीमी गति से सीखने वाला होता है और कोई जल्दी सीखता है। मुझे उम्मीद है कि युवा जल्दी सीखेंगे और जल्द ही देश के लिए बेहतर प्रदर्शन करेंगे।''
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन 28 जुलाई से आठ अगस्त तक होगा।