बैडमिंटन
टखने की चोट के बाबजूद भी खेलते रहे एच एस प्रणय, अंत तक खेल कर टीम को पहुँचाया थॉमस कप के फाइनल में
इसके पहले कभी टीम थॉमस कप के फाइनल तक नहीं पहुंच पायी थी
शुक्रवार को भारतीय बैडमिंटन टीम ने इतिहास रचते हुए थॉमस कप के फाइनल में अपनी जगह पक्की की। टीम पहली बार थॉमस कप के फाइनइसके पहले कभी टीम फाइनल तक नहीं पहुंच पायी थी इसके पहले कभी टीम फाइनल तक नहीं पहुंच पायी थी। इस जीत के हीरो टीम के खिलाडी एच एस प्रणय थे। जिन्होंने अंत में निर्णायक मुकाबला जीतकर अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाया। इस मैच के दौरान प्रणय को चोट भी लगी लेकिन अपनी टीम को फाइनल में पहुंचने के संकल्प को लेकर वे अंत तक मैदान में डटे रहे और अपनी टीम को फाइनल में पंहुचा कर ही दम लिया।
प्रणय ने मैच में बड़ा ही जबरदस्त प्रदर्शन किया। उन्होंने फाइनल में पहला सेट गवांने के बाद जबरदस्त वापसी की और अपनी विरोधी खिलाड़ी रास्मस गेमके को 13-21, 21-9, 21-12 से हराकर टीम को 3-2 से जिताया और अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाया। मैच के दौरान प्रणय को टखने में चोट भी लगी थी। जिसके बाद उन्होंने मेडिकल टाइम आउट भी लिया था। लेकिन वे चोट के बाबजूद भी खेलते रहे और अंत में मैच जीतकर ही वापस लौटे।
मैच के बाद भारतीय खिलाड़ी ने कहा कि दिमाग में बहुत सी बातें चल रही थीं। फिसलने के बाद मुझे दर्द हो रहा था। मैं ठीक से चल भी नहीं कर पा रहा था। दिमाग में हार नहीं मानने की बात चल रही थी. प्रणय ने कहा कि मैं बस कोशिश करके देखना चाहता था कि चीजें कैसी चल रही है।
एच एस प्रणय
मैं प्रार्थना कर रहा था कि दर्द न बढ़े। मेरा दर्द दूसरे गेम के दौरान कम होने लगा था और तीसरे गेम के दौरान मैं काफी बेहतर महसूस कर रहा था। प्रणय ने कहा कि हमने दूसरे और तीसरे गेम में जिस रणनीति का इस्तेमाल किया, वह बहुत महत्वपूर्ण थी। रणनीति दबाव बनाए रखने की थी और मुझे पता था कि अगर मैं दूसरे हाफ में अच्छी बढ़त बनाता हूं तो मुकाबले में बने रहने का एक और मौका मिलेगा।