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बैडमिंटन

BWF World junior Championships: शंकर मुथुसामी ने रजत पदक जीता

पूर्व विश्व जूनियर नंबर एक खिलाड़ी शंकर इस प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने वाले चौथे भारतीय बन गए हैं

Sankar Muthusamy Subramanian Badminton
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बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता शंकर मुथुसामी 

By

Bikash Chand Katoch

Updated: 30 Oct 2022 7:16 PM GMT

भारत के शंकर मुथुसामी को रविवार को बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप के पुरुष एकल के फाइनल में चीनी ताइपे के कुओ कुआन लिन से सीधे गेम में हारने के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा। तमिलनाडु का यह 18 वर्षीय खिलाड़ी 48 मिनट तक चले मैच में कुआन लिन से 14-21 20-22 से हार गया।

यह अच्छी तरह से जानते हुए कि शंकर काफी लम्बे समय तक मैच खेल सकते हैं, कुओ के पास स्पष्ट रूप से फाइनल जीतने के लिए एक आक्रामक रणनीति थी। लेकिन भारतीय ने शुरुआती गेम में इसका अच्छी तरह से मुकाबला करते हुए 6-10 से पिछड़ने के बाद भी स्कोर 13-13 से बराबर कर दिया। हालांकि, कुओ ने अपने प्रतिद्वंद्वी के ऊपर बहुत ज्यादा दबाब बनाये रखा और अपने भ्रामक स्ट्रोक का इस्तेमाल किया और अगले नौ में से आठ अंक हासिल किए।

पहला गेम जीतने के बाद ऐसा लग रहा था कि ताइपे के शटलर दूसरे गेम में 20-14 की बढ़त बनाकर ताज की दौड़ में शामिल होंगे। लेकिन शंकर ने वापसी की और चैंपियन ने भारतीय खिलाडी की उम्मीदों को बढ़ाने के लिए कई गलतियाँ कीं, लेकिन कुओ ने स्कोर 20-20 होने के बाद अपने आप को बहुत ही मजबूत दिखाया और अपने बड़े स्मैश के साथ अगले दो अंक हासिल किये और खिताब जीत लिया।

इससे पहले, शंकर मुथुसामी बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले भारत के केवल दूसरे पुरुष एकल खिलाड़ी बने, जब उन्होंने थाईलैंड के पानीचापोन तेरारत्सकुल को सीधे गेम में हराया। पूर्व जूनियर विश्व नंबर 1 ने पूरे 40 मिनट के संघर्ष में पूर्ण नियंत्रण से मैच को 21-13, 21-15 से जीता था।

पूर्व विश्व जूनियर नंबर एक खिलाड़ी शंकर इस प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने वाले चौथे भारतीय बन गए हैं। उनसे पहले अपर्णा पोपट (1996), साइना नेहवाल (2006) और सिरिल वर्मा (2015) ने इस चैंपियनशिप में रजत पदक जीते थे।

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