बैडमिंटन
बीडब्ल्यूएफ ने नये ‘स्पिन सर्विस’ पर लगाया अंतरिम प्रतिबंध
मार्च में पोलिश ओपन 2023 में डेनमार्क के युगल खिलाड़ी मार्कस रिंडशोज ने पहली बार नई स्पिन सर्विस का इस्तेमाल किया था
विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) ने एक नए स्पिन-सर्विस पर शुक्रवार को अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया, जिस पर हाल ही में दुनिया के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ियों का ध्यान गया था।
मार्च में पोलिश ओपन 2023 में दूसरे दौर में डेनमार्क के युगल खिलाड़ी मार्कस रिंडशोज ने पहली बार नई स्पिन सर्विस का इस्तेमाल किया था। तब से, इस स्पिन-सर्विस ने अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन में रोष पैदा कर दिया, दुनिया भर के खिलाड़ियों ने इस नई तकनीक को सीखने के लिए अपना हाथ आजमाया।
विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) के बयान के मुताबिक, ‘‘बीडब्ल्यूएफ परिषद ने तत्काल प्रभावी 29 मई 2023 तक नये ‘स्पिन सर्विस’ के उपयोग पर रोक लगाने के लिए बैडमिंटन के नियमों में ‘प्रायोगिक बदलाव’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘यह अंतरिम प्रतिबंध बीडब्ल्यूएफ के सभी स्वीकृत अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों पर लागू होगा, जिसमें रविवार 14 मई से शुरू होने वाला सुदीरमन कप फाइनल और अगले सप्ताह प्रस्तावित मलेशिया मास्टर्स 2023 भी शामिल है।’’
स्पिन सर्विस तकनीक में, सर्वर कॉर्क को मध्य उंगली और अंगूठे के बीच फंसाता है और रैकेट के साथ नेट पर भेजने से पहले कैरम स्ट्राइक मोशन के साथ इसे स्पिन करने की कोशिश करता है। मारने से पहले कॉर्क को घुमाकर, यह एक अकल्पनीय स्पिन पैदा करता है जो प्राप्त करने वाले खिलाड़ी के लिए इसे उठाना मुश्किल बनाता है।
बीडब्ल्यूएफ के बयान के मुताबिक, ‘‘बैडमिंटन के बीडब्ल्यूएफ कानून की धारा 4.1 के 9.1.5 के संशोधन में अब कहा गया है कि सर्विस करने वाला खिलाड़ी बिना स्पिन की मदद लिये शटल को रैकेट से हिट करेगा। इसके पालन में किसी भी विफलता को ‘फॉल्ट’ माना जायेगा।’’
बीडब्ल्यूएफ के अध्यक्ष पोल-एरिक हॉयर ने कहा, ‘‘बीडब्ल्यूएफ हमारे खेल में नवाचार करने वाले खिलाड़ियों का स्वागत करता है और कोर्ट पर प्रतिस्पर्धा को बनाये रखने के लिए तकनीकों के प्रयोग का समर्थन करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें हालांकि बीडब्ल्यूएफ एथलीट आयोग सहित बैडमिंटन समुदाय से ऐसी प्रतिक्रिया मिली जिसमें कहा गया है कि यह ‘स्पिन सर्विस’ खेल पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह देखा गया है कि यह साइडेक सर्विस या एस-सर्विस से काफी मिलता जुलता है, जिस पर प्रतिबंध है।’’
एस-सर्विस में उल्टे शटल के पंखों को किनारे से काटना शामिल था, जिससे यह बेतरतीब ढंग से घूमता था जिससे रिसीवर को अपनी वापसी को नियंत्रित करने में कठिनाई होती थी। एस-सर्व इतना प्रभावी था कि कई लोगों को लगा कि यह खेल को बर्बाद कर रहा है, अंतत:, 1 जुलाई, 1982 को खेल के अंतरराष्ट्रीय शासी निकाय द्वारा इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया।