बैडमिंटन
विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल मुकाबले में मिली हार के बाद सात्विकसाईराज ने अपने भाग्य को ठहराया दोषी
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी को पुरुष युगल स्पर्धा के सेमीफाइनल मुकाबले में हार मिली है, जिस वजह से वह स्वर्ण जीतने से चूक गए और कांस्य पदक से संतोष करा।
बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत की युगल जोड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी को पुरुष युगल स्पर्धा के सेमीफाइनल मुकाबले में हार मिली है, जिस वजह से वह स्वर्ण जीतने से चूक गए और कांस्य पदक से संतोष करा।
शनिवार को हुए मुकाबले में भारतीय जोड़ी मलेशिया के आरोन चिया और सोह वूई यिक की छठी वरीयता प्राप्त जोड़ी से 77 मिनट तक चले मैच में 22-20, 18-21, 16-21 से हार गए। इस तरह से भारतीय जोड़ी ने कांस्य पदक जीतकर अपने अभियान का अंत किया। खास बात है कि भारत का यह विश्व चैंपियनशिप में पुरुष युगल में पहला पदक हैं।
हार से निराश सात्विकसाइराज रंकीरेड्डी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और परेशान करने वाला बताया हैं। उन्होंने कहा कि संभवतः उन्हें भाग्य के साथ की भी जरूरत है।
सेमीफाइनल में हार के बाद उन्होंने कहा,''यह दुर्भाग्यपूर्ण है महत्वपूर्ण समय में भाग्य हमेशा हमारा साथ नहीं देता है। महत्वपूर्ण मौकों पर भाग्य ने उनका साथ दिया और उन्होंने नेट कॉर्ड से अंक बनाएं जो कि परेशान करने वाला है।"
उन्होंने कहा,"एक समय 17-15 के स्कोर पर चिराग का रैकेट खराब हो गया था, इसलिए यह हमारे लिए हमेशा दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होती है, लगता है हमें अधिक पूजा करनी पड़ेगी और भगवान की शरण में जाना होगा। इस हार को पचाना आसान नहीं हैं।
बता दें भारतीय जोड़ी की मलेशियाई टीम के हाथों यह लगातार छठी हार है। उसे इस महीने के शुरू में राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भी मलेशियाई जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा था।
इस पर सात्विक ने कहा,"यह अच्छा मैच था. हमें दूसरे गेम में उन पर अधिक दबाव बनाना चाहिए था। हम थोड़ा सहज होकर खेलने लग गए थे और उन्होंने अपनी लय हासिल कर ली थी,हमें उन मौकों का फायदा उठाना चाहिए था"
वहीं साथी चिराग ने कहा,''हम थोड़ा निराश हैं. यह करीबी मुकाबला था और कोई भी इस में जीत दर्ज कर सकता था। यह कुछ अंकों का मामला था और भाग्य हमारे साथ नहीं था, पूरा श्रेय उन्हें जाता है उन्होंने अच्छा खेल दिखाया।"