बैडमिंटन
Asia Mixed Team Championships: भारतीय टीम ने पहली बार सेमीफाइनल में बनाई जगह
इस जीत के साथ अंतिम चार में स्थान हासिल करने के कारण भारत ने सुदीरमन कप 2023 के लिए भी सीधे क्वालीफाई कर लिया
भारतीय बैडमिंटन टीम ने शुक्रवार को दुबई एग्ज़ीबिशन सेंटर में खेले गए बैडमिंटन एशिया मिश्रित टीम चैंपियनशिप 2023 के क्वार्टर-फाइनल मुक़ाबले में हांगकांग को 3-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाते हुए इतिहास रच दिया। इसके साथ ही भारतीय टीम ने इस चैंपियनशिप में अपना पहला पदक पक्का कर लिया है।
हांगकांग क्वालिफायर के माध्यम से आया था और पहले भी बैडमिंटन एशिया मिश्रित टीम चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में रहा था, लेकिन उनके पास बड़े नामों का दावा नहीं किया। हालांकि कोर्ट पर जो हुआ वह एक विशाल रोलर-कोस्टर टाई था, क्योंकि भारत ने 0-2 से पिछड़ने के बाद अंत में 3-2 से जीत दर्ज की, जिसमें से दो जीत युगल से मिलीं - जोकि खेल में प्रगति का संकेत है।
शनिवार को प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में भारतीय टीम का मुक़ाबला मौजूदा चैंपियन चीन से होगा। चीन ने क्वार्टर-फाइनल में मलेशिया को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया है।। चैंपियनशिप के अंतिम-4 में भारत के पहली बार प्रवेश करने के बाद कांस्य पदक पक्का हो गया है।
इस जीत के साथ अंतिम चार में स्थान हासिल करने के कारण भारत ने इस साल के अंत में चीन में होने वाले सुदीरमन कप 2023 के लिए भी सीधे क्वालीफाई कर लिया।
क्वार्टर-फाइनल के पहले मुक़ाबले में तनीषा क्रेस्टो और ईशान भटनागर की मिश्रित युगल जोड़ी को ली चुन ही रेगिनाल्ड और एनजी त्ज़ याउ की जोड़ी से सीधे गेम 26-24, 21-17 से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद पुरुष एकल मैच में विश्व रैंक पर 14वें स्थान के एनजी का लॉन्ग एंगस ने विश्व रैंकिंग में नंबर 11 पर काबिज़ लक्ष्य सेन को 20-22, 21-19, 21-18 से हराया।
दो लगातार हार के बाद पुरुष युगल जोड़ी ध्रुव कपिला और चिराग शेट्टी ने तांग चुन मैन और येउंग शिंग चोई हांगकांग की जोड़ी को 20-22, 21-16, 21-11 से हराकर जीत की शुरुआत की।
पहला गेम काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। दोनों टीमों ने बढ़त हासिल करने के लिए आक्रामक रुख अपनाया। लेकिन हांगकांग की जोड़ी ने तेजी दिखाते हुए इस गेम को 22-20 से जीता। दूसरा गेम भारतीय जोड़ी के नाम रहा। इस गेम में ध्रुव और कपिला की जोड़ी ने शुरू से बढ़त बनाए रखी और 21-16 से जीत हासिल की। निर्णायक गेम बहुत ही रोमांचक रहा। दोनों टीमों ने तीसरे गेम को जीतने की हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन जीत का स्वाद भारतीय जोड़ी ने चखा।
इसके बाद महिला एकल मुक़ाबले में दो बार की ओलंपिक चैंपियन पीवी सिंधु ने सलोनी मेहता को मात दी।
पहले गेम में विश्व रैंकिंग में नंबर 9 पर काबिज़ पीवी सिंधु पर 20 वर्षीय हांगकांग की बैडमिंटन खिलाड़ी भारी पड़ी और 21-16 से इस गेम को जीत लिया। लेकिन दूसरे गेम में सिंधु ने धमाकेदार वापसी करते हुए सलोनी को अंक हासिल करने का मौक़ा नहीं दिया और दूसरे गेम को 21-7 के बड़े अंतर से अपने नाम किया।
निर्णायक गेम में सिंधु ने हांगकांग की शटलर पर अपना दबदबा कायम किया और गेम में बढ़त हासिल कर ली। वहीं, सलोनी इस बढ़त की बराबरी करने में असफल रहीं और सिंधु ने तीसरे गेम को 21-9 से जीत लिया। इसके साथ ही भारतीय टीम की प्रतियोगिता में बने रहने की उम्मीदें बढ़ गई।
उम्मीद की जा रही थी कि पीवी सिंधु 20 साल की सलोनी मेहता को पटखनी देंगी, लेकिन कम जानी-पहचानी महिला ने भारतीय दिग्गज को मात देने से पहले एक सही टक्कर दी। सिंधु शायद शुरू में अपने प्रतिद्वंद्वी के स्ट्रोक्स की गति से नहीं बल्कि अपने संयम से हैरान थीं, लेकिन उन्होंने 16-21, 21-7, 21-9 से जीत दर्ज कर सामान्य स्थिति बहाल कर ली। प्रतिद्वंद्वी भले ही उच्च श्रेणी का नहीं था, लेकिन यह एक कठिन टाई था।
टाई के अंतिम मुक़ाबले में महिला युगल की जोड़ी त्रिशा जॉली और गायत्री गोपीचंद ने एनजी त्ज़ याउ और एनजी विंग युंग की जोड़ी को 21-13, 21-12 से शिकस्त दी।
भारतीय जोड़ी ने एनजी त्ज़ याउ और एनजी विंग युंग की जोड़ी को जबरदस्त टक्कर दी और पहले गेम को 21-13 से अपने नाम किया। जीत की राह पर आगे बढ़ते हुए त्रिशा और गायत्री की जोड़ी ने दूसरे गेम में भी अपना वर्चस्व कायम रखा और इसे 21-12 से जीता।
यह पहली बार है जब भारतीय टीम बैडमिंटन एशिया मिश्रित चैंपियनशि के सेमीफाइनल में पहुंची है। इससे पहले साल 2017 के उद्घाटन संस्करण में टीम क्वार्टर-फाइनल में पहुंची थी लेकिन उन्हें थाईलैंड के ख़िलाफ़ 3-2 से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2019 संस्करण में वे ग्रुप स्टेज से ही हारकर बाहर हो गए थे। साल 2021 में प्रतियोगिता का आयोजन चीन में होना था लेकिन कोविड-19 प्रकोप की वजह से यह कैंसिल कर दी गई।