बैडमिंटन
Asia Mixed team Championships: सेमीफाइनल में चीन के हाथों मिली हार, भारत ने जीता कांस्य
इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट में यह भारत का पहला पदक है
भारत का अभियान शनिवार को दुबई एग्ज़ीबिशन सेंटर में हुए बैडमिंटन एशियाई मिश्रित टीम चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में चीन से 2-3 की पराजय से समाप्त हुआ लेकिन देश कांस्य पदक जीतने में सफल रहा। इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट में यह भारत का पहला पदक है। सेमीफाइनल में हारने वाली दोनों टीमों को कांस्य पदक मिलता है। भारत की युगल टीमों ने प्रेरणादायी प्रदर्शन कर अपने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी चुनौती देकर जीत हासिल की।
सेमीफाइनल के पहले मैच में चीन के लेई लैन शी और भारत के एचएस प्रणॉय आमने-सामने हुए। जहां विश्व रैंकिंग में पुरुष एकल में 9वें स्थान पर काबिज़ एचएस प्रणॉय को पहले गेम में 13-21 से हार का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरे गेम में लैन शी के ख़िलाफ़ प्रणॉय ने वापसी करने का प्रयास किया, लेकिन वो असफल रहे और अंत में दूसरा गेम में भी 15-21 से गंवा दिया। इस तरह 45 तक चले इस मुक़ाबले में एचएस प्रणॉय को 13-21, 15-21 से हार मिली।
और दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु को महिला एकल मैच में एक घंटे 10 मिनट में गाओ फांग जि से हार का सामना करना पड़ा। इससे भारतीय टीम 0-2 से पीछे हो गई।
तीसरा मुक़ाबला भारतीय पुरुष युगल जोड़ी ध्रुव कपिला / चिराग शेट्टी और चीनी जोड़ी झोउ हाओ डोंग / ही जी टिंग का आमना-सामना हुआ। भारतीय जोड़ी ने शुरू से ही इस मैच में अपनी पकड़ बनाए रखी और चीनी खिलाड़ियों के खिलाफ बेहतरीन स्मैश लगाए और उन पर लगातार दबाव बनाए रखा। इस तरह 48 मिनट तक चले इस मैच में भारतीय जोड़ी ने पुरुष युगल में चीनी जोड़ी को 21-19, 21-19 से करारी शिकस्त दी और भारत के लिए दिन की पहली जीत दर्ज की।
अगला मुक़ाबला भारतीय महिला युगल जोड़ी त्रिशा जॉली / गायत्री गोपीचंद पुलेला और चीनी जोड़ी लियू शेंग शू और टैन निंग के बीच हुआ। भारतीय महिला जोड़ी ने रोमांचक मैच में चीनी जोड़ी को 21-19, 13-21, 21-19 से शिकस्त दी। इस जीत के साथ ही भारत और चीन 2-2 के स्कोर के साथ मैच में बराबरी पर आ गए।
फिर सभी की निगाहें ईशान भटनागर और तनीषा क्रास्टो की मिश्रित युगल जोड़ी पर लगी थीं लेकिन जियांग झेन बांग और वेई या जिन निर्णायक मैच में कहीं मजबूत साबित हुए और उन्होंने इसे महज 34 मिनट में 21-17 21-13 से जीत लिया।
भारत ने शुक्रवार को पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए हांगकांग को 3-2 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर महाद्वीपीय टूर्नामेंट में पहला पदक सुनिश्चित किया था।