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बैडमिंटन

All England Open: त्रिसा जॉली और गायत्री गोपीचंद सेमीफाइनल में हारे

गायत्री के पिता पुलेला गोपीचंद आखिरी बार 2001 में आल इंग्लैंड खिताब जीतने वाले भारतीय थे

Treesa Jolly and Gayatri Gopichand Badminton
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त्रिसा जॉली और गायत्री गोपीचंद

By

Bikash Chand Katoch

Published: 18 March 2023 3:02 PM GMT

भारत की त्रिसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की जोड़ी लगातार दूसरे साल आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप महिला युगल के सेमीफाइनल में हार गई। भारतीय जोड़ी को दुनिया की 20वें नंबर की कोरियाई जोड़ी बाएक ना हा और ली सो ही ने 46 मिनट तक चले मुकाबले में 21-10, 21-10 से हराया।

इस हार के साथ ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में भारतीय चुनौती भी समाप्त हुई। इससे पहले सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी, लक्ष्य सेन, किदांबी श्रीकांत और एचएस प्रणय प्री-क्वार्टरफाइनल में ही हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गये थे।

गायत्री के पिता पुलेला गोपीचंद आखिरी बार 2001 में आल इंग्लैंड खिताब जीतने वाले भारतीय थे। उनसे पहले प्रकाश पादुकोण ने 1980 में यह खिताब अपने नाम किया था। 19 वर्ष की त्रिसा और 20 वर्ष की गायत्री के पास फाइनल्स में पहुंचने का बड़ा मौका था लेकिन वे सेमीफाइनल की बाधा पार नहीं कर सके। उनके सामने कोरिया की कठिन जोड़ी थे जिसमें से ली ने दो बार विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीता हुआ है।

भारतीय जोड़ी अच्छी शुरूआत करने में नाकाम रही और शुरू ही में 0-4 से पिछड़ गई। अपनी लंबी रेलियों से कोरियाई जोड़ी ने दबाव बनाए रखा और 11-5 की बढ़त बना ली। भारतीय जोड़ी ने कुछ अंक बनाकर स्कोर 9-13 किया लेकिन इसके बाद से मुकाबला एकतरफा होता चला गया। दूसरे गेम में कोरियाई जोड़ी ने 11-2 की मजबूत बढ़त से ही शुरूआत की। भारतीयों ने कई गलतियां की जिसका उन्होंने फायदा भी उठाया और गेम तथा मैच अपने नाम कर लिया।

गायत्री ने मैच के बाद कहा कि सेमीफाइनल मुकाबले में खेलते हुए उनके ऊपर दबाव था, जो मुकाबले के दौरान देखने को भी मिला। गौरतलब है कि त्रिशा-गायत्री ने इससे पहले 2021 में भी ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में जगह बनायी थी। उसके बाद से इस जोड़ी ने अपने खेल में लगातार सुधार किया और अगस्त 2022 में राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भी कांस्य पदक हासिल किया। इस बार के अपने यादगार अभियान में त्रिशा-गायत्री ने थाईलैंड की सातवीं सीड जोड़ी जोंगकोल्फान कितिथराकुल और रवींद्र प्राजोंग्जाई, जापान की युकी फुकुशीमी और सयाका हिरोता एवं कई बेहतरीन जोड़ियों को मात दी।

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