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बैडमिंटन

बैडमिंटन में सिंथेटिक शटलकॉक का साल 2021 से होगा इस्तेमाल

बैडमिंटन में सिंथेटिक शटलकॉक का साल 2021 से होगा इस्तेमाल
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Ankit Pasbola

Updated: 13 April 2022 6:29 PM GMT

अब साल 2021 से सिंथेटिक पंखो वाली शटलकॉक का इस्तेमाल किया जायेगा। बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (बीडब्लूएफ) ने यह फैसला लिया है। बीडब्लूएफ ने यह बताया है कि इसका ट्रायल किया गया है और यह सामान्य तौर पर प्रयोग में लाई जाने वाली शटलकॉक की तुलना में ज्यादा उपयोग में लाई जा सकेगी। इसके अलावा सिंथेटिक पंखो वाली शटलकॉक किफायती भी होगी।

बीडब्लूएफ ने इस कदम को कारगर बताया है और इस संबंध में बीडब्लूएफ के जनरल सेक्रेटरी थॉमस ने कहा, "विभिन्न प्रयोगों के बाद यह देखा गया है कि सिंथेटिक शटलकॉक का उपयोग 25 फीसदी कम किया जा सकता है जो बैडमिंटन को आर्थिक रूप से ही नहीं बल्कि प्राकृतिक रूप से भी फायदा पहुंचाएगा और भविष्य में कारगर साबित होगा।"

सिंथेटिक पंखो वाली शटलकॉक 2021 से प्रयोग में इस्तेमाल होगी। बीडब्ल्यूएफ के अनुसार, "प्रयोगों के बाद अब बीडब्ल्यूएफ सिंथेटिक पंख वाली शटलकॉक को अपनी सहमति देता है जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय रूप से बीडब्ल्यूएफ द्वारा मान्यता प्राप्त टूर्नामेंटों में आधिकारिक रूप से इन शटलकॉक का उपयोग किया जा सकेगा। यह फैसला 2021 से प्रभावी होगा।"

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वैश्विक संस्था ने साथ ही कहा कि यह विभिन्न टूर्नामेंटों के मेजबानों पर निर्भर करेगा कि वे मान्यता प्राप्त सिंथेटिक शटलकॉक में किस ब्रांड का उपयोग करते हैं। साथ ही बीडब्लूएफ ने इन शटलकॉकों को तैयार करने के लिये एकसमान तकनीक का उपयोग करने के लिए भी योजना पर सहमति दी है, ताकि इसे लेकर किसी तरह का अंतर पैदा न हो। वहीं भारतीय टीम के मुख्य कोच पुलैला गोपीचंद ने इस संबंध में टाइम्स ऑफ़ इंडिया से कहा है कि बिना प्रयोग किये वह यह नहीं कह सकता कि नई शटलकॉक कैसी है।

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