Begin typing your search above and press return to search.

टेबल टेनिस

चीन के पास टेबल टेनिस, कोरिया के पास आर्चरी और भारत के पास ?

चीन के पास टेबल टेनिस, कोरिया के पास आर्चरी और भारत के पास ?
X
By

P. Divya Rao

Updated: 11 April 2022 8:28 AM GMT

ओलंपिक्स के लिए करीब 10 महीने ही शेष रह गए हैं और समय आ गया है कि अब हम भारत को मापना शुरू कर दें| अगर आप से पूछा जाए कि ऐसा कौन सा खेल है जिसमें भारत का ओलंपिक्स में मेडल निश्चित है तो शायद आप इसका उत्तर न दे पाएं| भारत लगभग हर खेल में भाग लेता है पर मेडल 2 या 3 ही आते हैं| ऐसा क्यों?

वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप की सभी ज़रूरी जानकारी के लिए पढ़ें यहां :

जब से टेबल टेनिस ओलंपिक्स में लाया गया है, तब से ले कर आज तक एक बार भी ऐसा नहीं हुआ है कि चीन ने एक भी मेडल न जीता हो| महिलाओं में तो 1988 से ले कर 2016 तक, हर बार गोल्ड मेडल चीन के खाते में ही गया है और पुरषों में भी पिछले 3 बार से चीन ही अपनी झोली भर रहा है| दक्षिण कोरिया ने भी आर्चरी में कोई कसार नहीं छोड़ी है| ओलंपिक्स में आर्चरी के शामिल होने से ले कर अभी तक, महिला वर्ग में, हर साल गोल्ड कोरिया ने ही जीता है| पुरषों में भी पिछले दो गोल्ड दक्षिण कोरिया को ही मिले हैं| ऐसे में किसी और देश का इनके नज़दीक भी आना बहुत मुश्किल नज़र आता है|

भारत के पास ऐसा कोई खेल नहीं है जिसमें हम भरोसे से बोल पाएं की यह हमारा खेल है| हाल ही में पी वी सिंधु ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीत कर यह तो साबित कर दिया कि हमारा देश किसी से कम नहीं हैं पर हम यह भी नहीं भूल सकते कि पिछले सालो में चीन ने ही बैडमिंटन में अपना रौब जमाया हुआ था| रियो में तस्वीर थोड़ी बदली और दूसरे देशों के खिलाड़ियों ने एक भी चीन के खिलाडी को आगे नहीं आने दिया पर यह भी एक लम्बा सफर है| भारत के पास पी वी सिंधु है, उसके अलावा कौन?

ये भी पढ़ें: भारत के दिग्गज निशानेबाज़ों के लिए भी नहीं है होस्टल की सुविधा

मनु भाकर और सौरभ वर्मा से शूटींग में है उम्मीदें

एक समय तक हॉकी में भारत की बराबरी कोई नहीं कर सकता था पर आज भारत को ओलंपिक्स में हॉकी के सेमीफाइनल्स तक पहुंचने के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है| तो क्या इतना मुश्किल है भारत का किसी एक एक खेल में कब्ज़ा जमाना? इस साल शूटिंग में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा है, यही वजह है कि इस बार अभी तक 9 भारतीय शूटर्स ने टोक्यो ओलंपिक्स के लिए क्वालिफ़ाई कर लिया है। पर बात तो तब बनेगी जब ओलंपिक्स में यह प्रदर्शन दोहराया जाएगा|

ये भी पढ़ें: ISSF वर्ल्डकप में इन भारतीय शूटर्स ने देश का नाम किया रोशन

1 .3 बिलियन की आबादी में सिर्फ 2 या 3 मेडल लाना कहाँ का हिसाब है? हमें ज़रूरत है खेल में क्वांटिटी और क्वालिटी दोनों की| खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता देनी की ताकि वह खुल कर अपने पसंदीदा खेलों में देश का नाम रोशन कर पाएं| एक ऐसा खेल चुनने की आवश्यकता है जहाँ भारत का दबदबा हो| क्या हो सकता है ऐसा?

Next Story
Share it