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बैडमिंटन

डबल्स को अच्छा बनाने के लिए खिलाड़ियों को तवज्जो देनी पड़ेगी- ज्वाला गुट्टा

डबल्स को अच्छा बनाने के लिए खिलाड़ियों को तवज्जो देनी पड़ेगी- ज्वाला गुट्टा
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Deepak Mishra

Published: 14 Dec 2019 10:11 AM GMT

भारतीय बैडमिंटन इतिहास में डबल्स खिलाड़ियों में नाम और शोहरत कमाने वाली ज्वाला गुट्टा ने अब इस खेल को सेवा देने के लिए नया कदम उठाया है। ज्वाला गुट्टा ने ‘ज्वाला गुट्टा एकेडमी ऑफ एक्सिलेंस’ की लॉन्चिंग की है। इससे वह देश के युवा खिलाड़ियों को मौका देगी ताकि वह बैडमिंटन में अपना भविष्य बेहतर तरीके से तराश सकें। द ब्रिज की टीम ने ज्वाला गुट्टा से खास बातचीत की। जिसमें उनसे उनके बैडमिंटन अकादमी के साथ भारतीय बैडमिंटन के भविष्य और ओलंपिक 2020 में भारत के पदक जीतने की उम्मीदों पर चर्चा की।

द ब्रिज- ज्वाला आपने अकादमी शुरू करने के बारे में कब सोचा?

ज्वाला गुट्टा:अकादमी शुरू करने के बारे में मैं 6-7 साल पहले से सोच रही थी। लेकिन किसी कारण से हो नहीं पाया। मैंने यहां तक सरकार से भी मदद मांगने की कोशिश लेकिन किसी कारण के वजह से मुझे वहां से भी कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद मैंने अपने पिताजी की मदद और मेरी कुछ जमा पुंजी को इकट्ठा कर इस अकादमी का निर्माण शुरू करवाया और अब ये आपके सामने बनकर खड़ा है।

ज्वाला को जब अपने अकेडमी के लिए सरकार से सहयोग नहीं मिला तो उनके पिता उनके लिए उम्मीदों की किरण बनकर आएं। एक पिता ने अपने बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए जिंदगी भर की जमा पूंजी एक ऐसे काम में लगा दी जिससे आगामी समय में देश के युवा खिलाड़ियों अपना भविष्य बेहतर कर सकें।

ज्वाला गुट्टा एकेडमी ऑफ एक्सिलेंस

द ब्रिज- क्या इसका मतलब यह हैं कि आप जल्द ही रिटायरमेंट की घोषणा कर सकती हैं?

ज्वाला गुट्टा: मुझे नहीं पता लेकिन अभी इसमें समय है और जब मैं ऐसा करूंगी तो आप सबको पता चल जाएगा। मेरे अंदर हमेशा एक कप्तान रहा है जो मुझे किसी भी चीज को आगे ले जाने में मदद किया है। चाहे बतौर खिलाड़ी कोर्ट पर हो या फिर एक इंसान के तौर पर कोर्ट के बाहर। मेरी अकदामी शुरू करने का एक ही उद्देश्य है जो भी कुछ मुझे इस खेल से मिला है मैं उसे दूसरे लोगों तक पहुंचाओं।

खेल के मैदान से बाहर एक खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ी भूमिका निभाता है उसका एक इंसान के तौर पर अच्छा होगा। ज्वाला बैडमिंटन कोर्ट के बाहर भी अपने आपको एक फाइटर के तौर पर देखती है जो उन्हें हमेशा लड़ने और आगे बढ़ने के लिए राह दिखाता है।

द ब्रिज- भारत में डब्ल्स बैडमिंटन का भविष्य किस तरह से देखती हैं आप?

ज्वाला गुट्टा: अभी मौजूदा हाल के बारे में बात करें तो जो खिलाड़ी डब्ल्स में हिस्सा लेते हैं उनका प्रदर्शन जिस तरह से होना चाहिए उस तरह से नहीं है। मैं उम्मीद करती हूं आने वाले दिनों में इन चीजों में बदलाव आएगा। पुरूषों की टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है लेकिन महिलाओं की टीम में कोई सुधार नहीं देखने को मिला। पुरूषों में भी निंरतरता की कमी दिख रही है। मेरा सीधा सवाल है जिस तरह सिंगल्स को तवज्जो दी जाती है उस तरह डबल्स खिलाड़ियों को तवज्जो क्यों नहीं दी जाती है ।

सिंग्लस में जिस तरह से भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी प्रदर्शन कर रहे वैसे डबल्स में नहीं हो पा रहा है। ज्वाला का मानना है कि जिस तरह से सिंगल्स खिलाड़ी को तवज्जो मिलती है। वैसे ही डबल्स खिलाड़ी को भी आगे बढ़ना चाहिए।

द ब्रिज- टोक्यो ओलंपिक में पीवी सिंघू और अन्य खिलाड़ियों को मेडल के हिसाब से किस तरह से देख रही हैं।

ज्वाला गुट्टा: हर खिलाड़ी अपना अच्छा प्रदर्शन करने जाते है। मेरी उम्मीद है भारत टोक्यो ओलंपिक में रियो के मुकाबले अच्छा करना पड़ेगा। हमे बड़े लेवल पर प्लान बनाकर काम करने की जरूरत है। जिसके लिए भारत सरकर ने 2028 तक रोडमैप तैयार किया है। अगर सब कुछ अच्छा रहा तो 2028 ओलंपिक में हमे और भी बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे।

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