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बैडमिंटन

COVID-19: वित्तीय और मानसिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं खिलाड़ी: एचएस प्रणय

COVID-19: वित्तीय और मानसिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं खिलाड़ी: एचएस प्रणय
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Press Trust of India

Updated: 15 April 2022 8:56 AM GMT

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय कोविड-19 महामारी के कारण भावनात्मक और वित्तीय रूप से प्रभावित हैं और उनका मानना है कि अगर डेढ़ महीने में चीजें बेहतर नहीं हुई तो पहले से ही 'निराशाजनक' स्थिति और बदतर हो सकती है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण दुनिया भर में 40 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। कई देशों में लाकडाउन की स्थिति है और दुनिया भर में बैडमिंटन सहित खेल गतिविधियां रुकी हुई है। इससे दुनिया भर में वित्तीय और मानसिक परेशानी भी पैदा हुई है।

राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता प्रणय ने पीटीआई से कहा, ''किसी भी कंपनी के लिए यह अच्छा समय नहीं है, लाकडाउन के कारण उनकी कमाई नहीं हो रही है और सभी कुछ प्रायोजकों पर निर्भर करता है इसलिए यहां इसका खेलों पर असर पड़ा है।'' उन्होंने कहा, ''प्रायोजकों ने अन्य खेलों में भी निवेश किया है। इसलिए मुझे पता है कि चीजें बैडमिंटन और कुल मिलाकर सभी खेलों के लिए निराशाजनक है।'' प्रणय ने कहा, ''कुछ जगहों से कम राजस्व आ रहा है और अगर यह भी रुक गया तो खिलाड़ियों के लिए बड़ी समस्या होगी। इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि चीजें डेढ़ महीने में सामान्य हो जाएंगी।''

कई बार की ग्रैंडस्लैम विजेता सेरेना विलियम्स और दिग्गज तैराक माइकल फेल्प्स सहित दुनिया भर के खिलाड़ियों ने इस लाकडाउन के खिलाड़ियों के मानसिक हालात पर असर के बारे में बात की है। प्रणय ने कहा, ''कई खिलाड़ी खेलने को लेकर उत्साहित हैं, संभवत: 80 प्रतिशत खिलाड़ी और यह सिर्फ खिलाड़ियों के साथ नहीं है, प्रत्येक व्यक्ति के साथ मानसिक समस्या हो सकती है। लेकिन फिलहाल हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।'' उन्होंने कहा, ''हमें इसे सकारात्मक रूप से लेना होगा। रोजमर्रा के जीवन में हम अभी जो कर रहे हैं हमें उसका लुत्फ उठाना होगा, अपने पेशेवर करियर के दौरान इतने वर्षों में हम जिन चीजों को नहीं कर पाए उन्हें करना चाहिए।''

विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) ने 17 मार्च की विश्व रैंकिंग को ही बरकरार रखने का फैसला किया है। प्रणय ने इस कदम का स्वागत किया लेकिन साथ ही कहा कि वैश्विक संस्था को अधिक सक्रिय रुख अपनाने की जरूरत है और खिलाड़ियों के हितों की प्राथमिकता तय करनी होगी। प्रणय ने कहा, ''मुझे लगता है कि बीडब्ल्यूएफ को इन चीजों के प्रति प्रतिक्रिया देने में तेजी दिखानी चाहिए थी। जब तक खिलाड़ी सोशल मीडिया का सहारा नहीं लेते तब तक वे कुछ नहीं करते। खिलाड़ियों ने जब तक रैंकिंग पर बात नहीं की तब तक उन्होंने इसे लेकर कोई फैसला नहीं किया। आल इंग्लैंड को लेकर भी वे गंभीर नहीं थे।''

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