एथलेटिक्स
25 साल के हुए ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा, देखें उनके कुछ खास रिकॉर्ड
भारत के स्टार एथलीट और ओलिंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा आज यानि 24 दिसंबर 2022 को अपना 25वां जन्मदिन मना रहे हैं
डायमंड लीग में स्वर्ण पदक, ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने से लेकर विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक समेत 25 अंतरराष्ट्रीय खेलों में इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के एक छोटे से गाँव खांद्रा में हुआ था। उनके पिता सतीश कुमार पेशे से किसान है और उनकी माता सरोज देवी गृहणी है। नीरज चोपड़ा ने महज 11 साल की उम्र से ही भाला फेंक में रूचि लेना आरम्भ कर दिया था। नीरज चोपड़ा एथलिट होने के साथ सेना में सूबेदार के पद पर भी नियुक्त है, उन्हें सेना में विशिष्ट सेवा मैडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।
वर्ष 2013 में नीरज ने पहली बार विश्व जूनियर एथलेटिक्स से अंतरराष्ट्रीय खेल की शुरुआत की। इसके बाद 2015 में नीरज ने दक्षिण एशियाई खेलों में 82 मीटर भाला फेंक पहला अंतरराष्ट्रीय पदक जीता।
ओलंपिक में स्वर्ण पदक और विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर न सिर्फ नीरज चोपड़ा ने नए रिकॉर्ड बनाए, बल्कि खेलों से इतर उन्होंने एक और कीर्तिमान स्थापित किया है। वह अब ऐसे एथलीट बन गए हैं, जिन पर अब तक सबसे अधिक आर्टिकल लिखे गए हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड जमैका के मशहूर धावक उसैन बोल्ट के नाम था।
1. नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलिंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। भाला फेंक में जीता गया उनका स्वर्ण, एथलेटिक्स में आजाद भारत का पहला पदक था। वहीं वह व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय रहे।
2. नीरज चोपड़ा ने साल 2016 में अंडर 20 विश्व चैंपियनशिप में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था। तब वह सिर्फ 19 साल के थे। उन्होंने 86.48 मीटर का थ्रो किया था। वह एथलेटिक्स के किसी भी एजग्रुप में विश्व चैंपियन बनने वाले पहले भारतीय थे।
3. साल 2018 में गोल्ड कोस्ट में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों और जकार्ता में आयोजित एशियाई खेलों में भी भाला फेंक में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।
4. नीरज ने 2022 में अमेरिका में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता और अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद ऐसा करने वाले दूसरे भारतीय बने। हालांकि नीरज से पहले किसी ने रजत पदक नहीं जीत पाया था। अंजू ने 2003 के पेरिस विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
5. वो सितंबर में डायमंड लीग चैंपियन के फाइनल्स का विजेता बनने वाले पहले भारतीय बने। कई भारतीय इस इवेंट के फाइनल तक तो पहुंचे थे लेकिन कोई कभी खिताब नहीं जीत पाया। वह इस दौरान हालांकि 90 मीटर की दूरी तय करने के अपने लक्ष्य से थोड़ी दूर रह गये।