एथलेटिक्स
पूर्व ओलपिंयन और धावक हरि चंद का हुआ निधन, भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने जताया शोक
दिग्गज हरि चंद ने ओलंपिक और एशियाई खेलों में किया भारत का प्रतिनिधित्व
भारतीय खेल जगत के लिए बुरी खबर आयी है। भारत की लंबी दूरी के महान धावक और 2 बार के ओलंपियन खिलाड़ी हरि चंद का निधन हो गया। उनके निधन की खबर सुनने के बाद पूरे भारतीय खेल जगत में शोक की लहर दौड़ी। उनके निधन पर देश के कई दिग्गजों ने खिलाड़ियों ने शोक जताया और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की।
खिलाड़ियों के अलावा हाल ही में भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने हरि चंद के निधन पर शोक जताया है। महासंघ के अध्यक्ष आदिले सुमारिवाला ने शोक संदेश में कहा, '1980 ओलंपिक में मेरे साथी रहे हरि चंद भारतीय खेलों के लीजैंड थे। मुझे और पूरे खेल जगत को उनके निधन का दुख है। यह खेलों को हुई अपूरणीय क्षति है।'
वही आपको बता दें कि हरि चंद पंजाब के होशियारपुर जिले के गोरेवाहा गांव के रहने वाले थे। उनको बचपन से ही दौड़ने का शौक था। वे अच्छे धावकों के साथ अभ्यास के लिए केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल में मुख्य कांस्टेबल बन गए। उन्होंने अपने जीवन में पहली सफलता तब हासिल की, जब उन्होंने 1970 में राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पहली बार 3000 मीटर दौड़ रेस में जीत दर्ज की थी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
हरि चंद ने देश के लिए कई चैंपियनशिप और पदक जीते हैं। इनमें उनकी सबसे बड़ी उपलब्धी में एशियाई खेलों में थी। जब उन्होंने 1978 एशियाई खेलों में 5000 मीटर और 10000 मीटर स्पर्धा में देश के लिए स्वर्ण पदक जीते थे। इसके अलावा साल 1975 में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 10000 मीटर में भी उन्होंने स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
उनका 10000 मीटर में 28:48.72 का राष्ट्रीय रिकॉर्ड 32 साल तक कायम रहा जो बाद में सुरेंद्र सिंह ने तोड़ा। एशियाई खेलों के अलावा हरि चंद ने ओलंपिक खेलों में भी देश का प्रतिनिधित्व किया हालांकि वे देश के लिए पदक जीतने में नाकाम रहे। हरि चंद ने छोटे कद के होते हुए भी अपने दम खम के बूते लंबी दूरी की दौड़ जीती।