Begin typing your search above and press return to search.

एथलेटिक्स

बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा नहीं होंगे तेजस्विन शंकर, आयोजकों ने ख़ारिज किया नाम

आयोजकों ने भारतीय दल में अतिरिक्त छह एथलीट शामिल किए जाने का अनुरोध भी ठुकरा दिया है

Tejaswin Shankar CWG
X

तेजस्विन शंकर 

By

Shivam Mishra

Updated: 8 July 2022 2:49 PM GMT

ऊंची कूद के एथलीट तेजस्विन शंकर आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमा जीतने के बावजूद भी तेजस्विन भाग नही ले पाएंगे क्योंकि बर्मिंघम आयोजकों द्वारा अंतिम समय में उनके नाम की प्रविष्टि खारिज कर दी गई हैं।

बुधवार को एथलेटिक फेडरेशन ने दिल्ली हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद 400 मीटर के राजीव की जगह तेजस्विन को शामिल करने का अनुरोध आईओए से किया था। जिसे बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति ने ठुकरा दिया।

राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजकों ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को सूचित किया कि अंतिम समय में खिलाड़ी के प्रतिस्थापन (एलएआर) को उसी स्पर्धा में भाग लेने की अनुमति दी जाती है जिस स्पर्धा से खिलाड़ी हटा हो।

राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजकों ने आईओए के अनुरोध पत्र के जवाब में यह भी कहा कि एलएआर को टीम चयन के आधार पर खिलाड़ी बदलने के लिये इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

बता दे राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजकों के पत्र के अनुसार,''सीजीएफ संबंधित अंतरराष्ट्रीय महासंघ और सीजीएफ मेडिकल आयोग (जब सीजीएफ इसे उचित मानता है) से मश्विरा करने के बाद एक ही खेल, प्रतिस्पर्धा और स्पर्धा में किसी अन्य योग्य एथलीट को मंजूरी दे सकता है जब असाधारण परिस्थितियां उत्पन्न हुई हों (जैसे चिकित्सीय परिस्थितियां, डोपिंग रोधी नियमों का उल्लंघन और अपील) जिससे खिलाड़ी बर्मिंघम 2022 में हिस्सा नहीं ले सकता हो।"

इस पत्र में कहा गया,"लेकिन दुर्भाग्य से यह मुद्दा चिकित्सिय परिस्थितयों के बजाय 'डिस्क्वालीफिकेशन' का है जिससे इस अनुरोध को मंजूर नहीं किया जायेगा।"

यही नहीं आयोजकों ने भारतीय दल में अतिरिक्त छह एथलीट शामिल किए जाने का अनुरोध भी ठुकरा दिया है। एथलेटिक फेडरेशन ने तेजस्विन के अलावा श्रीनु बुगाता, अनीश थापा (मैराथन), एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता स्वप्ना बर्मन (हेप्टाथलन), एमवी जिल्ना (100 मीटर) समेत छह एथलीटों को दल में शामिल करने का अनुरोध किया था।

गौरतलब है की शंकर ने चयन में पक्षपात का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर उन्हें टीम से बाहर करने के एएफआई के फैसले को चुनौती दी थी।

Next Story
Share it