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एथलेटिक्स

Commonwealth Games 2022: अनु रानी को खेतों में गन्ने फेंक कर मिली थी भाला फेंकने की सीख, अब राष्ट्रमंडल खेलों में करेगी देश का प्रतिनिधित्व

Anu Rani had learned to throw javelin by throwing sugarcane in the fields, now she will represent the country in the Commonwealth Games

Commonwealth Games 2022: अनु रानी को खेतों में गन्ने फेंक कर मिली थी भाला फेंकने की सीख, अब राष्ट्रमंडल खेलों में करेगी देश का प्रतिनिधित्व
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Amit Rajput

Updated: 30 July 2022 12:07 PM GMT

कई बार अनजाने में हम कुछ ऐसी चीजें सीख जाते हैं, जो हमारे लिए जीवन भर का सबक बन जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ अनु रानी के साथ। किसान परिवार में जन्मीं अनु ने सोचा नहीं था कि बचपन में खेतों में गन्ना फेंकना भाला फेंक का पहला सबक होगा। शुरुआत में जब खेलों में कदम आगे बढ़ाया तो लोगों के ताने भी सुने। शुुरुआत में तो ट्रेनिंग भी छिप-छिपकर करती थीं। लेकिन आज वें देश का दिग्गज भालाफेंक खिलाड़ी बन गई और अब वें आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने जा रही है।

अनु का जीवन बड़ा ही कठिनाइयों से गुजरा। शुरुआत में ट्रेनिंग के लिए बड़ी आर्थिक दिक्कतें आईं। भाला खरीदने की तो छोड़ो महंगे स्पोर्ट्स शूज भी नहीं थे। भाई के बड़े जूतों को पहनकर अभ्यास किया जबकि वो फिट भी नहीं आते थे। भाई ने उनकी प्रतिभा को पहचाना। शुरुआत में बांस को भाला बनाकर फेंका था। पिता से प्रोत्साहन मिला तो सपनों को जैसे पंख लग गए। उनके जीवन में परिवार का बड़ा योगदान है। कई बार ट्रेनिंग के खर्चों के लिए पिता ने दोस्तों से कई बार पैसे उधार लिए। तब उन्होंने यह ठान लिया था कि कुछ करके दिखाना है। सबकी मेहनत और संघर्ष बेकार नहीं जाना चाहिए।


अनु रानी पहली बार सुर्खियों में तब आई जब उन्होंने 2014 में लखनऊ में आयोजित नेशनल इंटर स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 58.83 मीटर दूर भाला फेंककर 14 साल पुराना राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा और 2014 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए क्वालीफाई किया। हालांकि वह पदक जीतने चूक गई और 8वें स्थान पर खत्म किया। अनु ने 2014 एशियन गेम्स में कांस्य पदक अपने नाम किया। एशियन चैंपियनशिप की बात करें तो उन्होंने 2017 में कांस्य और 2019 में रजत पदक अपने नाम किया था। इसके अलावा उन्होंने 2016 में साउथ एशियन गेम्स में रजत पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया।

उन्होंने हाल ही में हुए विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी दमदार प्रदर्शन किया था। वह लगातार दो बार वर्ल्ड एथलेटिक्स के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला जैवलिन थ्रोअर बनी। फाइनल इवेंट में अनु ने 61.12 मीटर भाला फेंका और वह 7वें स्थान पर रहीं। हालांकि उनके पर्सनल बेस्ट थ्रो की बात करें तो 63.24 मीटर है, जो उन्होंने राष्ट्रीय इंटरस्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में फेंका था। अब पूरे देश की निगाहें राष्ट्रमंडल खेलों में उन पर होगी। जहां वें देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना चाहेगी।

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