एथलेटिक्स
105 साल की उम्र में 100 मी दौड़ में महिला ने बनाया नया रिकॉर्ड, प्रतियोगिता में अपने नाम किया स्वर्ण पदक
उन्होंने रेस खत्म होने के बाद कहा 'यह एक अच्छा एहसास है और मैं फिर से दौड़ना चाहती हूं।'
कई लोगों के लिए उम्र महज एक नंबर होती है। वे बड़ी उम्र में भी कई ऐसे कारनामे कर जाते हैं। जिसे कई लोग जीवनभर नहीं कर पाते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया 105 वर्षीय धावक रामबाई ने, जिन्होंने हाल ही में एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित राष्ट्रीय ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप के 100 मीटर में नया रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक जीता।
गुजरात के वडोदरा में जन्मी रामबाई 100 मीटर की रेस में अकेली दौड़ी। क्योंकि प्रतियोगिता में 85 से ऊपर का कोई प्रतियोगी नहीं था। उन्होंने 45.40 सेकंड में रेस पूरी करते हुए नेशनल रिकॉर्ड कायम किया। इससे पहले यह रिकॉर्ड मान कौर के नाम था, जिन्होंने 74 सेकंड में रेस पूरी की थी। रामबाई एथलेटिक्स मास्टर्स में 100 मीटर की रेस 105 वर्ष से ज्यादा उम्र होने पर भी स्वर्ण जीतने के बाद प्रसिद्ध हो गई।
उन्होंने रेस खत्म होने के बाद कहा 'यह एक अच्छा एहसास है और मैं फिर से दौड़ना चाहती हूं।' 105 वसंत देखने के बावजूद जिंदगी को एंजॉय कर रहीं इस परदादी उड़न परी ने स्वर्ण पदक हासिल किए। 15 जून को 100 मीटर और रविवार को 200 मीटर मीटर का स्वर्ण अपने नाम किया। उनका अगला लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेना है। वह पासपोर्ट के लिए आवेदन करने की योजना बना रही हैं। यह पूछे जाने पर कि वह बहुत कम उम्र में क्यों नहीं दौड़ीं तो हरियाणा की शतकवीर ने हंसते हुए कहा, 'मैं दौड़ने के लिए तैयार थी लेकिन किसी ने मुझे मौका नहीं दिया।'
वही उनकी पोती शर्मिला ने कहा कि उनका पूरा परिवार खेलों में है। सेना में सेवारत हमारे परिवार के कुछ सदस्यों ने मास्टर्स एथलेटिक मीट में भाग लेने के अलावा राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया है। मेरी दादी ने पहली बार पिछले नवंबर में प्रतिस्पर्धा की थी जब मैं उन्हें वाराणसी ले गई थी। फिर उन्होंने महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल में भाग लिया। अब तक उन्होंने एक दर्जन से अधिक पदक जीते हैं।