Begin typing your search above and press return to search.

कबड्डी

EXCLUSIVE: कभी 1500 रुपये मिलते थे, आज प्रो कबड्डी इतिहास के हैं सबसे सफल रेडर में से एक

EXCLUSIVE: कभी 1500 रुपये मिलते थे, आज प्रो कबड्डी इतिहास के हैं सबसे सफल रेडर में से एक
X
By

Syed Hussain

Published: 2 Oct 2019 6:12 AM GMT

नाम और शोहरत हासिल करने में कभी पूरी ज़िंदगी निकल जाती है तो कभी एक झटके में इंसान उन बुलंदियों को हासिल कर लेता है जहां पहुंचना उसके लिए किसी सपने से कम नहीं था। लेकिन ये तभी मुमकिन भी है जब आपमें प्रतिभा हौ और अपने सपने को सच करने की ललक और जज़्बा भी, और जब ये तीनों चीज़ें एक साथ मिल जाएं तो उसे नवीन कुमार कहते हैं। जी हां, प्रो कबड्डी के सीज़न-7 में दबंग दिल्ली के स्टार रेडर नवीन एक्सप्रेस कुछ इस तरह ही कहीं नहीं से आगे बढ़ते हुए आज दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं।

5 बड़े रिकॉर्ड जिसे 'नवीन एक्सप्रेस' ने एक सीज़न में ही कर लिया है अपने नाम

19 वर्षीय नवीन एक्सप्रेस आज प्रो कबड्डी में उस मुक़ाम पर पहुंच गए हैं जहां उन्होंने कभी ख़ुद भी नहीं सोचा था कि इतनी कम उम्र में और अपने दूसरे ही सीज़न में वह दिग्गजों को पीछे छोड़ देंगे। इसके बावजूद नवीन बेहद ज़मीन से जुड़े और शर्मिलें हैं, द ब्रिज हिन्दी के कंटेंट हेड सैयद हुसैन के साथ बातचीत में उन्होंने अपनी इन उपलब्धियों और यहां तक पहुंचने के सफ़र के बारे में खुल कर बात की। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि ''मेरा ख़्वाब है कि कबड्डी ओलंपिक में जाए और मैं देश के लिए गोल्ड जीतूं।''

सवाल: नवीन, आपका ये सिर्फ़ दूसरा ही सीज़न है और आप रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाते हुए कई दिग्गजों को पीछे छोड़ते जा रहे हैं, कभी सोचा था आपने ऐसा ?

जवाब: अगर सच कहूं तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं परदीप नरवाल या रोहित कुमार जैसे दिग्गजों का रिकॉर्ड तोड़ दूंगा। इतने बड़े बड़े दिग्गजों को मैं देखता आया हूं, ये बहुत पहले से खेल रहे हैं और मेरा तो बस दूसरा सीज़न है। इन खिलाड़ियों के साथ खेलना ही सौभाग्य की बात है। मेरी इस क़ामयाबी के पीछे मेरे कोच कृष्ण कुमार हुडा, कप्तान जोगिंदर नरवाल, रविंदर पहल, विशाल माणे सभी का समर्थन है। और साथ ही साथ मैनेजमेंट का जिस तरह समर्थन मुझे मिला है वह कमाल का है।

सवाल: अब आपसे फ़ैन्स और टीम की भी उम्मीद बढ़ गई है, इसके लिए ख़ुद कौ कैसे तैयार कर रहे हैं ?

जवाब: मैं बस एक ही चीज़ सोचता हूं कि अच्छा प्रदर्शन लगातार जारी रखूं, और अपना सर्वश्रेष्ठ टीम के लिए देता रहूं। इसके लिए मेरे अंदर जो कमियां हैं उन्हें दूर करूंगा और साथ ही साथ कुछ नई स्किल्स भी सीखूंगा ताकि आगे भी और अच्छा कर सकूं।

सवाल: नवीन, थोड़ा अपने पुराने दिनों के बारे में बताइए और कबड्डी में ही करियर बनाने का क्यों सोचा?

जवाब: मैं बहुत लो फ़ैमिली से आता हूं, पिता जी गाड़ी चलाया करते थे और अब हरियाणा रोडवेज़ में ड्राइवर हैं। मेरी एक छोटी बहन है, और मुझे कबड्डी का शौक़ दादा जी ने दिलाया था, पहले मैं स्कूल में कबड्डी खेला करता था और फिर धीरे धीरे इसमें अपना करियर बना लिया और आज यहां हूं। कबड्डी खिलाड़ी बनने का श्रेय मैं अपने दादा जी को देना चाहूंगा।

अपने पिता जी के साथ नवीन कुमार (फ़ोटो सौजन्य: नवीन का इंस्टाग्राम अकाउंट)

'नवीन एक्सप्रेस' का EXCLUSIVE वीडियो इंटरव्यू देखने के लिए क्लिक करें यहां और जानें और भी कई राज़

सवाल: क्या बात है पिता जी रोडवेज़ में ड्राइवर और बेटा अब 'नवीन एक्सप्रेस' के नाम से जाना जाता है, कैसा लगता है आपके पिता जी को?

जवाब:(हंसते हुए) जब से मेरा नाम प्रो कबड्डी में 'नवीन एक्सप्रेस' पड़ गया है तब से लोग मेरे पिता जी को भी एक्सप्रेस बोलते हैं। मेरी बहन और मां बताती है कि पिता जी को सभी देखते ही अब सुपर-10 एक्सप्रेस कहकर पुकारने लगते हैं, सभी बोलते हैं कि इनका बेटा प्रो कबड्डी में शानदार कर रहा है। ये सब जानकर और सुनकर मुझे भी अच्छा लगता है।

सवाल: नवीन, क्या आपको याद है कि पहली बार कबड्डी से आपने कितने पैसे जीते थे और उन पैसों का क्या किया था ?

जवाब: (भावुक होते हुए) जी, मुझे आज भी याद है जब मैंने पहली बार कबड्डी में अपने गांव में 1500 रुपये जीते थे, और वह मैंने दादा जी के हाथ में जाकर दिया था। वह ख़ुशी आज भी मेरे ज़ेहन में है, जब दादा जी मेरी उस जीत से बेहद ख़ुश हुए थे।

सवाल: कबड्डी को लेकर या ख़ुद को लेकर कोई ऐसा सपना जहां अब तक 'नवीन एक्सप्रेस' नहीं पहुंच पाई है ?

जवाब: जी ज़रूर, कबड्डी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और लोग अब इसे बहुत ज़्यादा पसंद कर रहे हैं, लेकिन मेरा सपना है कि कबड्डी ओलंपिक में भी शामिल हो और तब मैं देश के लिए स्वर्ण पदक जीतूं।

Next Story
Share it