एथलेटिक्स
कुछ महीने पहले तक नहीं कर पाते थे SAI में ट्रेनिंग, आज ओलंपिक्स में जाने की कर रहे हैं तैयारी

बिना कोई कोच और बिना कोई सपोर्ट स्टाफ, सियोल में अंतराष्ट्रीय मैराथन में भाग ले कर अपना पर्सनल बेस्ट दे कर वर्ल्ड एथलेटिक चैम्पियनशिप में जगह बनाने के बाद अब टी गोपी ओलंपिक्स में क्वालीफाई होने की कर रहे हैं तैयारी| हालांकि उन्होंने इस प्रतियोगिता में 2 घंटे 13 मिनट और 39 सेकंड्स में दौड़ पूरी कर 11वां स्थान हासिल किया था पर बिना किसी ट्रेनिंग के यह मुकाम छूना कोई मामूली बात नहीं हैं|
गोपी अब भारतीय एथलेटिक कंटिंजेंट के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं| उन्होंने ने एक अंग्रेज़ी अख़बार को दिए बयां में कहा " पहले मेरे लिए ज़्यादा मुश्किल था| रेंट खुद देंना पड़ता था, खाने खुद बनाना पड़ता था और बाकी सारा काम खुद करना पड़ता था पर मैंने अपना फोकस अपनी स्पीड और टाइमिंग बेहतर करने में लगाया| पर चीज़ें बदल गयी हैं| अब मेरे पास एक कोच, फिजियो और हर वो माहौल हैं जो एक खिलाड़ी को जरुरत होता हैं| यह उन्होंने एक स्पोर्ट्सवेयर कंपनी ASICS के इवेंट में कहा|

ओलंपिक्स में क्वालीफाई करना आसान नहीं होगा क्यूंकि क्वालिफिकेशन टाइम 02:11:30 सेकंड्स पे सेट हैं और इसके लिए गोपी को अपना पर्सनल बेस्ट से 2 मिनट और घटने पड़ेंगे|
अपने टाइम को बेहतर करने के आलावा, इस बार एक और बड़ी चुनौती सामने खड़ी हैं| दोहा में हो रहा यह वर्ल्ड चैम्पियनशिप रात को शुरू होगा| दरसल तेज़ गर्मी और तपन से राहत के लिए यह इवेंट्स देर रात शुरू किये जाएंगे| इसपर गोपी का कहना हैं " मैं कभी रात को नहीं दौड़ा हूँ| एक दम वैसे ही कंडीशंस को रेक्रिएट करना नामुमकिन हैं| समाम्न्य कंडीशंस में हम 7बजे के मैराथन के लिए 3 बजे खाना शुरू करते हैं पर देर रत के मैराथन की वजह से हम शाम 7 बजे खाना शुरू करेंगे|

इसी बीच जिनसन जॉनसन ने भी अपनी ट्रेनिंग कोलराडो स्प्रिंग्स में कोच स्कॉट साइमन्स के साथ करने की पुष्टि कर दी है जिसको स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया का भी समर्थन है| 1500 मीटर रनर अपना पहला कदम जर्मनी में हो रहे एक इवेंट में भाग ले कर करेंगे| उनके हिसाब से यह न केवल उनको कम्पटीशन के लिए तैयार करेगा बल्कि अलग अलग माहौल और तरीकों से भी रूबरू कराएगा|