एथलेटिक्स
मेरा काम सिर्फ और सिर्फ मेहनत करना है- तेजिंदर पाल सिंह तूर
भारत के स्टार गोला फेंक खिलाड़ी तेजिंदर पाल तूर को अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया। तेजिंदर पाल ने पिछले कई समय से देश-विदेश में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया और कई पदक दिलाएं। उनके इसी प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए उन्हें यह अवार्ड दिया गया। तेजिंदर पाल के इस प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें नेपाल की राजधानी काठमांडू में होने वाले दक्षिण एशियाई खेलों के उद्घाटन समारोह में भारत का ध्वजारोहक नियुक्त किया गया है। द ब्रिज की टीम ने 25 वर्षीय स्टार शॉटपुट खिलाड़ी से खास बातचीत की। जिसमें उनके अर्जुन पुरस्कार मिलने से लेकर आगामी योजनाओं पर सवाल किए गए।
द ब्रिज- अर्जुन अवॅार्ड से आपको नवाजा गया ,कैसा लग रहा है?
तेजिंदर पाल सिंह तूर: हर खिलाड़ी का सपना होता है कि उसे ये पुरस्कार मिले। मैं काफी खुश हूं कि मेरी काबलियत और उपलब्धि को देखते हुए भारत सरकार ने मुझे इस काबिल समझा जिसके लिए मैं उनका धन्यवाद करना चाहता हूं। भारतीय खेल प्रधिकरण और मंत्रालय का धन्यवाद देता हूं उनके समर्थन के लिए।
द ब्रिज- राष्ट्रीय प्रतियोगिता में आपने खुद का रिकॅार्ड तोड़ा साथ ही अभी ओलंपिक क्वालीफीकेशन आने वाला है क्या कहना चाहेंगे इसके बारे में?
तेजिंदर पाल सिंह तूर: नए नेशनल रिकॅार्ड बनाकर काफी खुश हूं लेकिन इससे ज्यादा मैं फेक सकता था लेकिन बारिश के वजह से ऐसा हो नहीं पाया । ओलंपिक क्वालीफीकेशन के लिए मैं काफी मेहनत कर रहा हूं। हर खिलाड़ी का यही सपना होता है कि वो इस प्रतियोगिता में मेडल जीते मेरी भी उम्मीद यही रहेगी। मौसम पर भी किसी प्रतियोगिता का परिणाम काफी निर्भर करता है।
द ब्रिज- एशियन गेम्स के दौरान आपके पिता की मौत हो गई थी, इस दौरान आप इससे कैसे उभर पाए ?
तेजिंदर पाल सिंह तूर- दुख की घड़ी थी लेकिन चलती का नाम जिंदगी है। ये जो भी कर रहा हूं सिर्फ अपने पिता के सपने को पूरा करने लिए। मेरा पिता चाहते थे मुझे इंडिया का ब्लेजर पहनते हुए देखने के लिए। ओलंपिक में मेडल जीतना ही मेरे पिता के लिए सच्ची श्रद्धंजली होगी।
द ब्रिज- क्या हम ओलंपिक में तेजिंदर पाल सिंह तूर से मेडल की उम्मीद कर सकते हैं?
तेजिंदर पाल सिंह तूर: देखिए मैं अभी जहां तक शॅाटपूट फेक रहा हूं। वहां तक कोई भी भारत का खिलाड़ी कभी फेंक नहीं पाया । मैं अभी फेडरेशन कप पटियाला में जो होने वाला है उसपर ज्यादा ध्यान दे रहा हूं। हमारा काम है पूरा मेहनत करना है।