तीरंदाजी
Archery World Cup: भारत में कंपाउंड मिश्रित टीम में स्वर्ण पदक जीता
इससे पहले ज्योति और अभिषेक वर्मा ने पेरिस में 2022 में विश्वकप के तीसरे चरण में स्वर्ण पदक जीता था
ज्योति सुरेखा वेनम और उनकी जोड़ीदार ओजस देवताले ने शनिवार को चीनी ताइपे की टीम को 159-154 से हराकर विश्वकप तीरंदाजी के पहले चरण में कंपाउंड मिश्रित टीम का स्वर्ण पदक जीतकर भारत का खाता खोला। भारत का यह मिश्रित कंपाउंड स्पर्धा में विश्व कप में दूसरा स्वर्ण पदक है। इससे पहले ज्योति और अभिषेक वर्मा ने पेरिस में 2022 में विश्वकप के तीसरे चरण में स्वर्ण पदक जीता था।
राष्ट्रीय ट्रायल्स में टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे वर्मा की अनुपस्थिति के बावजूद भारतीय जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया तथा 16 निशानों में से 15 निशाने सही लगाकर अपनी 12वीं वरीयता प्राप्त प्रतिद्वंदी टीम को एकतरफा फाइनल में आसानी से हराया।
चीनी ताइपे की जोड़ी के पहले दौर में दो नौ अंक करने के बाद भारतीयों ने पूरे खेल में अपनी बढ़त बनाए रखते हुए कभी भी खुद को पीछे महसूस नहीं किया। ज्योति और देवताले ने लगातार ‘परफेक्ट 10’ का स्कोर बनाया और जल्द ही 120-116 से बढ़त हासिल कर ली। इसके बाद भी उन्होंने अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखकर आसानी से पहला स्थान हासिल किया।
ज्योति और 20 वर्षीय देवताले की दूसरी वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी ने केवल एक अंक गवाया नहीं तो स्कोर विश्व रिकॉर्ड 160 में से 160 होता। ओजस ने कहा कि एक अंक से चूकने के बावजूद दोनों ने विश्व रिकॉर्ड के बारे में नहीं सोचा। इस वर्ग में रिकॉर्ड 160 है और भारतीयों के पास रिकॉर्ड की बराबरी करने का मौका था, अगर खेल के अंतिम कुछ मिनटों में 20 वर्षीय ने दस के बजाये नौ अंक नहीं हासिल किये होते।
"हमने इसके बारे में बात नहीं की है। यह मेरी गलती थी, मैंने कुछ गलत किया, इसलिए मैंने एक नौ अंक बनाए" उन्होंने खेल के बाद कहा। दूसरी ओर, ज्योति ने कहा कि उनका ध्यान व्यक्तिगत पदक मैचों पर है, जो आज बाद में होंगे।